प्राधिकरण से रियायती दर पर कबाड़ा भूखंड – बनाए ट्रस्ट का दुरुपयोग – 15 बिन्दुओं पर मांगी विस्तृत जानकारी
इंदौर, राजेश ज्वेल। सीएचएल के नाम से हॉस्पिटल खोल तमाम घोटाले करने वाले समूह ने प्राधिकरण की योजना 114 प्रथम में डिस्पेंसरी उपयोग के आरक्षित भूखंड पर 100 बिस्तरों का केंसर और गेस्ट्रो हॉस्पिटल खोल डाला। अभी पिछले दिनों ही एलआईजी चौराहा पर स्थित सीएचएल हॉस्पिटल, जिसे धोखे पर रख केयर समूह को बेच दिया, उसकी लीज निरस्ती की कार्रवाई हाउसिंग बोर्ड ने की, तो अब दूसरे घोटाले की जांच राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो यानी ईओडब्ल्यू ने शुरू कर दी है। दर्ज शिकायत के आधार पर ईडब्ल्यू ने हॉस्पिटल शुरू करने वाले ट्रस्ट से 15 बिन्दुओं पर जवाब मांगा है।[relost]
अग्निबाण ने पहले हाउसिंग बोर्ड की कारस्तानी को उजागर किया था, जिसके चलते पिछले दिनों बोर्ड ने सीएचएल हॉस्पिटल के फ्री होल्ड के फैसले को निरस्त किया, जिसके चलते लीज भी स्वत: निरस्त हो गई। सीएचएल के कर्ताधर्ताओं ने होटल की जगह हॉस्पिटल खोला और जाने-माने केयर समूह को भी 300 करोड़ से ज्यादा की टोपी पहना दी। इसी तरह का दूसरा फर्जीवाड़ा योजना 114 पार्ट-1 में रियायती दर पर लिए डिस्पेंसरी भूखंड में 100 बिस्तरों के हॉस्पिटल को खोलकर कर दिया। सीएचएल चेरीटेबल ट्रस्ट तर्फे नेमीचंद मारू ने 30 साल की लीज पर प्राधिकरण से मात्र 85 लाख 72 हजार में डिस्पेंसरी का भूखंड लिया, जिस पर विशाल हॉस्पिटल निर्मित कर पिछले दिनों शुरू भी कर दिया, जिस पर ईओडब्ल्यू के उप पुलिस अधीक्षक अजय जैन ने ट्रस्ट से पंजीकृत शिकायत के आधार पर 15 बिन्दुओं में जवाब मांगा है। ईओडब्ल्यू ने ट्रस्ट से आबंटित भूखंड खरीदी के सभी दस्तावेजों के साथ जन उपयोगी सुविधाओं, धर्मार्ध अस्पतालों में उपचाररत मरीजों की जानकारी के साथ-साथ आय-व्यय का विवरण और आयकर का ब्योरा भी मांगा है। यह भी पूछा गया कि प्राधिकरण से डिस्पेंसरी के उपयोग के भूखंड को सीएचएल मेडिकल सेंटर एलएलपी को अंतरण करने के लिए क्या विक्रय एनओसी हासिल की गई। वहीं चेरिटेबल ट्रस्ट का भी पूरा रिकॉर्ड मांगा गया है।
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