चित्रकूट । उत्तर प्रदेश की धर्मनगरी चित्रकूट ( Dharmanagri Chitrakoot of Uttar Pradesh) में डकैतों के सफाये में लगी सूबे की एसटीएफ व जिले की पुलिस टीम का डेढ़ लाख के इनामी डकैत गौरी यादव गिरोह (Reward dacoit Gauri Yadav gang) से आमना-सामना हो गया। पाठा के जंगलों में एक घंटे की मुठभेड़ के दौरान गिरोह में शामिल 25 हजार के इनामी व वन विभाग के काम को लेकर रंगदारी मांगने वाले सक्रिय सदस्य को गोली लगी है। अस्पताल में उसकी मौत हो गई। डकैत गौरी का गिरोह पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में फरमान जारी करने पहुंचा था तभी एसटीएफ (STF) व पुलिस (Police) की टीमों ने घेर लिया और मुठभेड़ में डकैत भालचंद्र यादव मारा गया।
जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के देखरेख में प्रदेश में इनामी डकैतों के सफाए के लिए टीमें लगातार जंगलों में ढेरा डालकर कॉम्बिंग कर रही है। इसी क्रम में चित्रकूट जनपद को डकैत मुक्त बनाने के लिए एसटीएफ की एक टीम स्थानीय पुलिस के साथ कई दिनों से जंगलों में डकैत गौरी यादव की धरपकड़ के लिए खाक छान रही थी। बुधवार को की शाम को एसटीएफ व पुलिस अधीक्षक चित्रकूट अंकित मित्तल के नेतृत्व में संयुक्त टीमें पाठा क्षेत्र में आने वाले माड़ो बांधा के जंगल में कॉम्बिंग कर रहे थे, तभी अचानक टीम का गौरी यादव गिरोह से आमना-सामना हो गया। आधुनिक हथियारों से लैस एसटीएफ व एसपी के नेतृत्व वाली पुलिस टीम को देख डैकत गिरोह ने अंधाधुंध फायरिंग शुरु कर दी।
जवाबी कार्यवाही करते हुए एसटीएफ व पुलिस की गोली गिरोह के सबसे सक्रिय सदस्य व 25 हजार के इनाम डकैत भालचंद्र को जा लगी और वह घायल हो गया। गिरोह के सदस्य को गोली लगने के बाद अन्य डकैत घने जंगलों की ओर भाग निकले। इस बीच एक घंटे की मुठभेड़ करते हुए घायल हालत में डकैत को पकड़ लिया गया। गोली लगने घायल हालत में डकैत भालचंद्र यादव की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। मुठभेड़ स्थल से 315 बोर की रायफल, दो दर्जन से ज्यादा कारतूस बरामद हुए हैं।
बताते चलें कि मुठभेड़ में मारे गए डकैत भालचन्द्र पर 25 हजार का इनाम था और वह गौरी यादव गिहोर का सबसे विश्वास पात्र सदस्य था। पूर्व में उसने जिले में वन विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्यों को लेकर अफसरों से रंगदारी मांगने पर चर्चा में आ गया था। पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याशी के समर्थन में डकैत गौरी यादव का गिरोह फरमान जारी करने पहुंचा था। जहां एसटीएफ व पुलिस की संयुक्त टीमों ने घेर लिया। पुलिस से घिरा देख जंगलों की ओर भाग रहे डकैतों ने फायरिंग शुरु कर दी। गोलीबारी के बीच मुठभेड़ में गौरी यादव का दाहिना हाथ व सक्रिय सदस्य भालचन्द्र ढेर हो गया। (हि.स.)
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