सागर/भोपाल। प्रदेश में जारी माफिया विरोधी अभियान के बीच सागर कलेक्टर ने चिटफंड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए निवेशकों का पैसा नहीं लौटाने पर सहारा इंडिया समूह से जुड़ी कंपनियों की 200 बीघा से ज्यादा जमीन को कुर्क कर लिया है। निवेशकों की शिकायत की जांच के बाद कलेक्टर दीपक सिंह ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। अब जल्द ही इस मामले को जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया जाएगा। इसके बाद जमीन की नीलामी की कार्रवाई शुरू होगी। जमीन को नीलाम करके निवेशकों के 12.80 करोड़ रुपए लौटाए जाएंगे। प्रदेश में चिटफंड कंपनी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है। सहारा इंडिया ने 10 निवेशकों से करीब 24 लाख 42 हजार 471 रुपए जमा कराए थे। इनका भुगतान निवेशकों को नहीं किया गया। सागर, देवरी, रहली, बंडा और बीना से करीब 10 निवेशकों ने इसकी अलग-अलग शिकायतें की। कंपनी ने इनमें से सिर्फ नर्मदा पति जमुना प्रसाद अहिरवार के भुगतान की जानकारी दी, शेष शिकायतकर्ताओं के भुगतान के संबंध में जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद यह कार्रवाई की गई है। जिला प्रशासन को जिले भर से सहारा इंडिया के खिलाफ 1042 शिकायतें मिली थी। जिनके जांच के बाद जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई की है।
15 दिन के भीतर कोर्ट में पेश होगा मामला
कलेक्टर ने आदेश में लिखा है कि जमीन को नीलामी के बाद मिले पैसों से निवेशकों के 12 करोड़ से अधिक की राशि लौटाई जाएगी। आदेश में कहा गया है, 15 दिन में एसडीएम आवेदन तैयार कर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा चिन्हित विशेष न्यायालय के समक्ष आगे की प्रक्रिया के लिए प्रस्तुत करें।
सोसायटी के नाम से है जमीन
सहारा समूह की सागर शहर के पास टाउनशिप बनाने की योजना थी। इसके लिए सहारा क्रडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के नाम से 40 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन खरीदी गई। सालों पहले टाउनशिप के नाम पर शहर के लेागों से निवेश कराया। अभी तक निवेशकों को न तो कंपनी ने पैसा लौटाया और न ही उन्हें घर मिला। जिसकी शिकायत निवेशकों की ओर से की गई। कलेक्टर ने सभी शिकायतों की जांच सभी एसडीएम से कराई। तब सामने आया कि सहारा इंडिया के खिलाफ जिले भर में सबसे ज्यादा 1042 शिकायतें है। कलेक्टर ने देवरी के निशांत पिता निर्मल जैन व अन्य विरुद्ध सहारा क्रडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड मामले में सुनवाई करते हुए कुर्की के आदेश दिए हैं।
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