इंदौर। इंदौर जिले मेें चिटफंड कम्पनियों द्वारा ठगे जाने और जमा पूंजी न लौटाने की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। प्रशासन के पास इस तरह की शिकायतों का अम्बार लगा हुआ है। हर दिन 15 से 20 शिकायतें पहुंच रही हैं। जिस पर जांच की जा रही है। संस्थागत वित्त के मामले में कराई जा रही जांच में सिर्फ खाली दफ्तर ही हाथ आ रहे हैं। कम्पनियां पैसे वापस लौटाने के पहले ही गायब हो गई हैं। जीवन के सुनहरे सपने और बड़े-बड़े वादे कर राशि जमा करवाने और भुगतान के समय गायब हो जाने वाले कम्पनियां की संख्या काफी हद तक बढ़ गई हैं। अपर कलेक्टर रोशन राय के अनुसार शिकायत के आधार पर संस्थागत वित्त के मामले में जांच कराई जा रही हैं, जिसमें चिटफंड कम्पनियां और एक सहकारी संस्था लोगों की राशि वापस लौटाएं बिना ही चम्पत हो गई हैं। सीएसी साल्यूशंस का मुख्यालय दिल्ली और मुंबई में बताया गया, लेकिन इंदौर स्थित कार्यालय में एक भी कर्मचारी जांच के दौरान नहीं मिला।
जब प्रशासन की टीम जांच के लिए पहुंची तो दफ्तर पर ताला लटका पाया गया। इसी तरह पीएमसी सांई सेवा सहकारी संस्था की शिकायत भी मिली है, जो लोगों का पैसा खाकर दफ्तर में ताला लगाकर गायब हो गई है। दोनों ही संस्थाओं ने लोगों से दैनिक बचत के रूप में बड़ी रकम जमा करवाई और पैसे लौटाने के बजाए गायब हो गईं। अपर कलेक्टर राय के अनुसार उन्होंने दोनों ही कम्पनियों के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं। नोटिस का जवाब नहीं मिलने और सदस्यों के जमा किए गए रुपए वापस नहीं लौटाए गए तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि सेवा सहकारी संस्था सहकारिता विभाग से पंजीकृत हैं। इस तरह की संस्थाएं संचालित करने के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। इस तरह की घटनाओं पर सहकारिता विभाग भी कार्रवाई करता है।
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