– वाहनों के ट्रांसफर, डुप्लीकेट, रिन्यूअल, फाइनेंस कटवाने या चढ़वाने पर नहीं मिल रहे रजिस्ट्रेशन कार्ड, स्मार्ट चिप कंपनी ने कहा- चीन से नहीं आ रहे कार्ड
– सरकार ने चिप लगे कार्ड के लिए ही दिया था ठेका, अब चाहकर भी नहीं बदल पा रहे अनुबंध, कार्ड के अभाव में विभाग दे रहा प्रिंट सर्टिफिकेट
इंदौर। इंदौर सहित प्रदेश के सभी आरटीओ कार्यालयों में पिछले ढाई माह से पुराने वाहनों को ट्रांसफर, डुप्लीकेट, रिन्यूअल, फाइनेंस कटवाने या चढ़वाने पर नया रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं मिल पा रहा है। इससे अकेले इंदौर में 25 हजार से ज्यादा वाहनों के कार्ड अटके हुए हैं। कार्ड जारी करने वाली स्मार्ट चिप कंपनी का कहना है कि चिप वाले कार्ड चीन से आते हैं, जो लंबे समय से नहीं आ रहे हैं। वहीं अधिकारियों का कहना है कि कंपनी से चिप लगे कार्ड जारी करने का ही अनुबंध हुआ था, इसलिए अब इसे बदला नहीं जा सकता। इस खींचतान में पूरे प्रदेश में हजारों वाहन मालिक परेशान हो रहे हैं और रोजाना आरटीओ ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नया या पुराना वाहन खरीदने, कार्ड खोने पर डुप्लीकेट, वैधता खत्म होने पर रिन्यूअल करवाने, वाहन से फाइनेंस कटवाने या चढ़वाने पर परिवहन विभाग द्वारा नया रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी किया जाता है, लेकिन करीब ढाई महीनों से नए वाहनों को छोडक़र पुराने वाहनों से जुड़े किसी भी काम पर रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि कार्ड जारी करने वाली स्मार्ट चिप कंपनी का कहना है कि कार्ड चीन से नहीं आ रहे हैं। वहीं कार्ड कब तक आ पाएंगे इसे लेकर भी कंपनी के अधिकारी कोई ठोस जानकारी नहीं दे पा रहे हैं, जिसे देखते हुए अधिकारियों को आने वाले समय में भी कार्ड न मिल पाने की आशंका है।
नए वाहनों को क्यूआर कोड लगे कार्ड
परिवहन विभाग द्वारा पहले सभी वाहनों को चिप लगे कार्ड ही दिए जाते थे, लेकिन कार्ड की कमी के बीच नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन की पूरी व्यवस्था केंद्र सरकार के वाहन पोर्टल पर शिफ्ट होने पर इनके कार्ड जारी करने का काम नए सिरे से स्मार्ट चिप कंपनी को दिया गया। कार्ड की कमी को देखते हुए शासन ने इस अनुबंध में क्यूआर कोड वाले कार्ड जारी करने की छूट दी। इसके कारण अब नए वाहनों को आसानी से क्यूआर कोड के कार्ड मिल रहे हैं। चिप में जो डेटा सेव होता था वही डेटा अब कोड में सेव किया जा रहा है।
अनुबंध बदलना नहीं है आसान
आरटीओ प्रदीप शर्मा ने बताया कि स्मार्ट चिप कंपनी को वाहनों को रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी करने का ठेका कई साल पहले दिया गया था। इसमें ही चिप लगे कार्ड की व्यवस्था थी। अब शासन के लिए चिप लगे कार्ड के स्थान पर क्यूआर कार्ड जारी किए जाने का फैसला लेना इस अनुबंध के खिलाफ होगा। अगर ऐसा करना है तो अनुबंध में बदलाव के लिए परिवहन विभाग से लेकर वित्त विभाग और अन्य सभी संबंधित विभागों से मंजूरी लेना होगी, जो जटिल बहुत जटिल प्रक्रिया है। इसलिए कंपनी पर चिप वाले कार्ड ही उपलब्ध करवाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है।
कार्ड के बजाय दे रहे प्रिंट सर्टिफिकेट
इधर वाहन के नए कार्ड के लिए सभी जरूरी औपचारिकता पूरी होने के बाद भी कार्ड न मिल पाने के कारण वाहन मालिक रोजाना चेकिंग के दौरान चालानी कार्रवाई से भी परेशान हैं, जिसके बाद रोजाना सैकड़ों वाहन चालक आरटीओ ऑफिस के चक्कर भी लगा रहे हैं। आरटीओ शर्मा ने बताया कि लोगों की परेशानी को देखते हुए विभाग द्वारा कार्ड के अभाव में मांग करने पर वाहन मालिकों को एक प्रिंट सर्टिफिकेट दिया जा रहा है, जिसे दिखाकर वे पुलिस कार्रवाई से बच सकते हैं। कार्ड आने पर इन्हें वह भी जारी किए जाएंगे।
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