नई दिल्ली । अरुणाचल प्रदेश में घुसकर चीन के एक गांव बसाने की खबरों को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भाजपा सांसद तापिर गाओ के दावों पर सरकार से जवाब मांगा। गाओ ने कहा था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के भीतर विवादास्पद क्षेत्र में 100 घरों के एक गांव का निर्माण कर लिया है।
चिदंबरम ने कहा कि यदि भाजपा सांसद के दावे सही हैं तो क्या सरकार चीन को क्लीन चिट देकर पूर्ववर्ती सरकारों को दोषी ठहराएगी। इससे पहले बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने चीन के भारतीय जमीन पर कब्जा करने के सवाल पर कहा है कि वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत करेंगे। भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश को चीन अपना क्षेत्र मानता है। भारत के फटकार के बाद भी चीन आए दिन ऐसा दावे करता रहता है।
चिदंबरम ने हिंदी में ट्वीट कर लिखा, ‘भाजपा से संबंध रखने वाले सांसद श्री तपीर गाओ ने आरोप लगाया है कि अरुणाचल प्रदेश में भारतीय क्षेत्र के भीतर ‘विवादित क्षेत्र’ में, चीनियों ने पिछले साल में 100-घर गांव, एक बाजार और दो-लेन की सड़क का निर्माण किया है। यदि यह सच है, तो यह स्पष्ट है कि चीनियों ने विवादित क्षेत्र को चीनी नागरिकों के स्थायी बंदोबस्त में बदलकर यथास्थिति बदल दी है। इन चौंकाने वाले तथ्यों के बारे में सरकार का क्या कहना है? क्या सरकार चीन को एक और क्लीन चिट देगी? या सरकार स्पष्टीकरण देने के लिए पिछली सरकारों पर दोषारोपण करेगी?’
भाजपा से संबंध रखने वाले सांसद श्री तपीर गाओ ने आरोप लगाया है कि अरुणाचल प्रदेश में भारतीय क्षेत्र के भीतर 'विवादित क्षेत्र' में, चीनियों ने पिछले साल में 100-घर गांव, एक बाजार और दो-लेन की सड़क का निर्माण किया है।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 18, 2021
सरकार ने क्या दी प्रतिक्रिया
अरुणाचल प्रदेश में चीन के एक गांव बनाने की खबरों पर भारत सरकार की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। सोमवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह देश की सुरक्षा पर असर डालने वाले समस्त घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखता है और अपनी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने अपने नागरिकों की आजीविका को उन्नत बनाने के लिए सड़कों और पुलों समेत सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को तेज कर दिया है। मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया तब आई जब एक चैनल की एक खबर के बारे में पूछा गया था। खबर के अनुसार चीन ने अरुणाचल प्रदेश के विवादित क्षेत्र में एक नया गांव बसाया है और इसमें करीब 101 घर हैं।
चैनल ने दावा किया कि यह खबर उसे विशेष रूप से प्राप्त उपग्रह तस्वीरों पर आधारित है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हमने चीन के भारत के साथ लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्माण कार्य करने की हालिया खबरें देखी हैं। चीन ने पिछले कई वर्षों में ऐसी इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण गतिविधियां संचालित की हैं।’ उसने कहा, ‘हमारी सरकार ने भी जवाब में सड़कों, पुलों आदि के निर्माण समेत सीमा पर बुनियादी संरचना का निर्माण तेज कर दिया है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाली स्थानीय आबादी को अति आवश्यक संपर्क सुविधा मिली है।’
मंत्रालय ने यह भी कहा कि सरकार अरुणाचल प्रदेश के लोगों समेत अपने नागरिकों की आजीविका को उन्नत बनाने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी संरचना के निर्माण के उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है। एनडीटीवी ने अपनी खबर में इलाके की दो तस्वीरें दिखाईं जिसमें उसने दावा किया कि एक गांव बसाया गया है। चैनल के अनुसार 26 अगस्त, 2019 की पहली तस्वीर में कोई बसावट नहीं दिखाई देती लेकिन नवंबर 2020 की दूसरी तस्वीर में कुछ ढांचे दिखाई देते हैं।
भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है, वहीं भारत इस दावे को खारिज करता रहा है। भारत और चीन के बीच पिछले करीब आठ महीने से पूर्वी लद्दाख में सीमा मुद्दे को लेकर गतिरोध बना हुआ है।
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