बीजिंग। चीन की तकनीकी कंपनियां(Chinese tech companies) अपने पाठ्यक्रम (syllabus) से उइगर और तिब्बतियों की भाषाओं को हटाने (Removed Tibetan and Uyghur languages) में जुट गई हैं। वे इन्हें न सिर्फ पाठ्यक्रमों से सेंसर (censors from courses) कर रही हैं बल्कि अपनी वेबसाइटों से भी इन भाषाओं में की गई टिप्पणियां प्रतिबंधित कर रही हैं।यूनेस्को (UNESCO) के साथ साझेदारी करने वाले एक भाषा-शिक्षण एप टॉकमेट(language-learning app talkmate) ने अपने आधिकारिक वीबो अकाउंट पर बताया कि वह सरकारी नीतियों के कारण तिब्बती और उइगर भाषा वर्गों को अस्थायी रूप से हटा चुका है। उसने यह घोषणा पिछले शुक्रवार को पोस्ट की थी। यह एप भाषाई विविधता के चलते 100 भाषाओं में पाठ्यक्रम सुविधा देता है।
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