कोलंबो: श्रीलंका में चल रहे राजनीतिक-आर्थिक उथल पुथल के बीच चीन अपने जासूसी जहाज यूआन वांग5 के साथ हंबनटोटा बंदरगाह पर दस्तक देने जा रहा है. चीन के इस ऐलान के बाद भारत अब पूरी तरह से सतर्क हो गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह जासूसी जहाज 11 अगस्त को आ रहा है, जिसका मकसद हिंद महासागर क्षेत्र में शोध कार्य और सैटलाइट कंट्रोल करना है. प्रस्तावित यात्रा के अनुसार यह जहाज 17 अगस्त को हंबनटोटा से लौट जाएगा. हालांकि, भारत इस बात की जांच कर रहा है कि इस जासूसी जहाज के प्रस्तावित यात्रा में श्रीलंका के तरफ से किस प्रकार कि मदद दी जा रही है.
श्रीलंका के तरफ से आया बयान
श्रीलंका में चीन के बेल्ट एंड रोड प्रॉजेक्ट के निदेशक वाई रानाराजा ने कहा कि यह चीनी जहाज हिंद महासागर के पश्चिमोत्तर हिस्से में सैटलाइट कंट्रोल और शोध निगरानी करेगा.
The Chinese scientific research vessel “Yuan Wang 5”will enter Hambantota port on August 11 for a week. It is expected to leave on August 17 after replenishment. It could conduct satellite control and research tracking in the north western part of the Indian Ocean region. pic.twitter.com/lHnlsrfcjf
— Yasiru (@YRanaraja) July 23, 2022
2014 में में भी घुसपैठ
आपको बता दे की साल 2014 के बाद यह ऐसा पहली बार है जब इस तरह का चीनी जासूसी जहाज श्रीलंका के दौरे पर आ रहा है इससे पहले साल 2014 में एक चीनी पनडुब्बी हंबनटोटा बंदरगाह पहुंची थी, जिस पर भारत ने आपत्ति जताई थी.
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