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अलास्का के पास चीनी जहाजों की दस्तक, क्या अमेरिका के लिए खतरा बढ़ा?

July 12, 2024

डेस्क: अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने अलास्का क्षेत्र में बेरिंग सागर में चीनी सैन्य जहाजों को घूमते हुए पकड़ा. ये घटना शनिवार और रविवार की है जब अमेरिकी कोस्ट गार्ड के कटर किम्बल (WMSL 756) शिप ने अल्यूटियन द्वीप समूह के अमचिटका पास से लगभग 124 मील उत्तर में तीन चीनी जहाज देखे. इसके अलावा, कोस्ट गार्ड एयर स्टेशन कोडियाक के एक हवाई जहाज ने अमुक्टा पास से लगभग 84 मील उत्तर में एक और चीनी जहाज को पकड़ा.

वैसे ये चारों सभी चीनी जहाज अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में थे, लेकिन वे अमेरिकी विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर थे, जो अमेरिकी तट से 200 समुद्री मील तक फैला हुआ है. कोस्ट गार्ड की कमांडर, रियर एडमिरल मेगन डीन ने कहा, “चीनी नौसेना ने अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक काम किया. हमने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई ताकि अलास्का के समुद्री क्षेत्र में अमेरिकी हित सुरक्षित रहें.”

चीनी जहाजों ने अमेरिकी कोस्ट गार्ड के रेडियो संचार का जवाब दिया और बताया कि वे “फ्रीडम ऑफ नेविगेशन” के तहत वहां हैं. जबकि साउथ चाइना सी में चीन इन अंतरराष्ट्रीय कानूनों को नहीं मानता है. कोस्ट गार्ड कटर किम्बल ने उन सभी जहाजों की निगरानी की और उसे वहां से भगाया. चीनी जहाज उत्तर प्रशांत महासागर की ओर चले गए. किम्बल अभी भी अमेरिकी विशेष आर्थिक क्षेत्र में गतिविधियों की निगरानी कर रहा है ताकि चीनी जहाज वहां फिर ना आए.


अमेरिकी उत्तरी कमान के साथ मिलकर, तटरक्षक बल चीनी नौसेना की उपस्थिति पर नजर रखे हुए था. इससे पहले भी, सितंबर 2021 और 2022 में, बेरिंग सागर में तैनात कोस्ट गार्ड कटरों ने चीनी जहाजों का सामना किया था. किम्बल ने ऑपरेशन फ्रंटियर सेंटिनल के तहत गश्त की, जो रणनीतिक प्रतिस्पर्धियों के अमेरिकी जलक्षेत्र के आसपास संचालन के दौरान उपस्थिति दर्ज कराने के लिए डिजाइन किया गया है.

अमेरिकी तटरक्षक बल की उपस्थिति अंतरराष्ट्रीय नियमों को मजबूत करती है और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार संचालन को बढ़ावा देती है. कोस्ट गार्ड कटर किम्बल एक 418 फुट लंबा नेशनल सिक्योरिटी कटर है, जो होनोलूलू, हवाई में स्थित है. चीनी जहाजों की इस मौजूदगी ने अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है. भले ही ये जहाज अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में थे, लेकिन उनकी मौजूदगी अमेरिका के EEZ में चिंता का विषय बनी हुई है. इससे अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों में और खटास आ सकती है.

हालांकि, चीनी जहाजों ने कोई उकसाने वाली हरकत नहीं की और न ही अमेरिकी जलक्षेत्र का उल्लंघन किया, फिर भी उनकी मौजूदगी को हल्के में नहीं लिया जा सकता. इस घटनाक्रम से यह साफ होता है कि दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा और नेविगेशन की स्वतंत्रता को लेकर तनाव बढ़ सकता है. अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी निगरानी और सुरक्षा को और मजबूत कर सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच तनातनी की संभावना बढ़ सकती है.

आने वाले समय में हम देख सकते हैं कि अमेरिका अपनी समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करेगा और चीनी गतिविधियों पर और कड़ी नजर रखेगा. दोनों देशों के बीच समुद्री रास्तों को लेकर तनाव बढ़ने की संभावना है, लेकिन ये देखना दिलचस्प होगा कि यह तनाव किस हद तक बढ़ता है और इसके क्या नतीजे होते हैं.

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