डियागो गार्सिया। अमेरिका ने भारत और ताइवान के साथ चीन के बढ़ते टकराव को देखते हुए भारत के बेहद करीब स्थित अपने नौसैनिक अड्डे डियागो गार्सिया पर परमाणु बम गिराने में सक्षम बमवर्षक विमान तैनात कर दिए हैं। माना जा रहा है कि इस तैनाती के जरिए अमेरिका ने ड्रैगन को कड़ा संदेश दिया है। अमेरिका के इंडो-पैसफिक कमान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तीन B-2 स्प्रिट स्टील्थ बॉम्बर डियागो गार्सिया में तैनात किए गए हैं।
ये विमान करीब 29 घंटे की यात्रा करके अमेरिका के मिसौरी एयरफोर्स बेस से डियागो गार्सिया पहुंचे हैं। अमेरिका ने कहा कि 29 घंटे की यह यात्रा यह दर्शाती है कि अमेरिका अपने दोस्तों और सहयोगियों की मदद के लिए बेहद घातक और लंबी दूरी तक किसी भी समय और कहीं भी हमला करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। अमेरिकी वायुसेना ने बताया कि इससे पहले जनवरी 2019 में अंतिम बार B-2 स्प्रिट स्टील्थ बॉम्बर हिंद महासागर में हवाई द्वीप पर तैनात किए गए थे।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि B-2 स्प्रिट दुनिया का सबसे घातक बॉम्बर है। यह बमवर्षक विमान एक साथ 16 B61-7 परमाणु बम ले जा सकता है। हाल ही में इसके बेड़े में बेहद घातक और सटीक मार करने वाले B61-12 परमाणु बम शामिल किए गए हैं। यह रेडार की पकड़ में नहीं आता है और चुपके से हमले को अंजाम देने में सक्षम है। यही नहीं यह दुश्मन के हवाई डिफेंस को चकमा देकर आसानी से उसके इलाके में घुस जाता है। इस बॉम्बर पर एक हजार किलो के परंपरागत बम भी तैनात किए जा सकते हैं।
यह दुश्मन की जमीन पर हमला करने में सबसे कारगर बॉम्बर माना जाता है। वर्ष 1997 में एक B-2 स्प्रिट बॉम्बर की कीमत करीब 2.1 अरब डॉलर थी। अमेरिका के पास कुल 20 B-2 स्प्रिट स्टील्थ बॉम्बर हैं। यह बॉम्बर 50 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए 11 हजार किलोमीटर तक मार कर सकने में सक्षम है। एक बार रिफ्यूल कर देने पर यह 19 हजार किलोमीटर तक हमला कर सकता है। इस विमान ने कोसोवा, इराक, अफगानिस्तान और लीबिया में अपनी क्षमता साबित की है।
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