नई दिल्ली। दुनिया में कोरोना के जरिये ‘मौत’ बांटने वाले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का खेल खत्म हो गया है। जिनपिंग को कोरोना पर दुनिया से धोखे की सजा मिलने वाली है। उनकी कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। ब्रिटिश न्यूजपेपर एक्सप्रेस का कहना है कि शि जिनपिंग को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है। कम्युनिस्ट पार्टी पर बहुत दवाब है क्योंकि उन्होंने कोरोना को ढंग से मैनेज नहीं किया। चीन से कोरोना का सच पूरी दुनिया से छुपाया था। पिछले साल सितम्बर से ही कोरोना फैलना शुरू हो गया था।
सीपीसी (चाइनिस कम्युनिस्ट पार्टी) को ये फैसला इसलिए लेना पड़ सकता है क्योंकि वुहान वायरस यानी कोरोना की वजह से आज पूरी दुनिया खतरे में है और इसकी वजह से चीन पर पूरी दुनिया की नजरें टेढ़ी हो चुकी हैं। यही नहीं, पश्चिमी देशों के साथ तनाव भी उनकी विदाई में अहम भूमिका निभा सकता है।
कोरोना वायरस की उत्पत्ति और प्रसार में चीन की भूमिका को लेकर जांच शुरू हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन से 137 देशों ने एक साथ मांग की थी कि वुहान वायरस के प्रचार-प्रसार में चीन की भूमिका की जांच की जाए, जिसके बाद एक स्वतंत्र जांच दल बनाया गया। इस जांच दल की अगुवाई न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क और लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ कर रहे हैं. ये जांच दल नवंबर में अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपेगा।
जिनपिंग की विदाई कर देगी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी!
जाने माने रक्षा विशेषज्ञ और ब्रिटिश सेना के पूर्व अधिकारी निकोलस ड्रुमांड की इस रिपोर्ट के बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर शी जिनपिंग के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव बढ़ जाएगा। क्योंकि कोरोना महामारी के सामने आने के बाद से चीन के दुनिया के बहुत सारे देशों से संबंध खराब हुए हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका जैसे बड़े देश शामिल हैं।
निकोलस की मानें तो कोरोना के बारे में भले ही पहली जानकारी दिसंबर 2019 में सामने आई हो, लेकिन चीन में सितंबर-अक्टूबर से ही ये बीमारी फैल रही थी। नवंबर में ही चीन को पता चल गया था ये बहुत गंभीर मामला है। फिर भी उन्होंने तय किया था कि इस (वुहान वायरस के) बारे में दुनिया को पता न चले। कम से कम जनवरी 2022 तक। निकोलस ने कहा, ‘अगर हमें दो महीने पहले ही कोरोना वायरस के बारे में बता दिया जाता और कहा जाता कि ये गंभीर मामला है। आपको लॉकडाउन करना चाहिए। हम ऐसा करते लेकिन चीन में नेतृत्व कमीं कहें या कुछ और, कोरोना फैल गया और इसने पूरी दुनिया की इकॉनमी को धराशायी कर दिया।
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