नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री (Union Minister) किरण रिजिजू (Kiran Rijiju) ने ट्वीट कर जानकारी दी कि चीनी पीएलए (PLA) ने अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के किशोर (Teen) मिराम टैरोन (Miram Taron) को भारतीय सेना (Indian Army) को सौंप दिया है (Handed Over) । मेडिकल जांच सहित उचित प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।
भारतीय सेना ने कहा था कि जब उन्हें टैरोन के बारे में जानकारी मिली, तो उसने हॉटलाइन के स्थापित तंत्र के माध्यम से तुरंत पीएलए से संपर्क किया और सूचित किया कि एक किशोर, जो जड़ी-बूटी इकट्ठा कर रहा था और शिकार कर रहा था, अपना रास्ता भटक गया है और वह वापस नहीं आ सका । यह आरोप लगाया गया था कि चीनी पीएलए ने लड़के का अपहरण कर लिया था।
टैरोन के दोस्त जॉनी यायिंग ने पीएलए द्वारा अगवा कि जाने के बारे में प्राधिकारियों को सूचित किया। दोनों जिदो गांव के स्थानीय शिकारी हैं। घटना उस स्थान के पास हुई जहां से त्सांगपो नदी भारत में अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है। त्सांगपो को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र कहा जाता है। 20 जनवरी को, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसे इस घटना की जानकारी नहीं है, लेकिन कहा था कि पीएलए सीमाओं को नियंत्रित करती है और अवैध प्रवेश और निकास गतिविधियों पर कार्रवाई करती है।
सूत्रों ने कहा कि पीएलए ने भारतीय सेना को सूचित किया कि उसे एक किशोर मिला है और उसे भारतीय पक्ष को सौंपने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। अरुणाचल प्रदेश से सांसद तापिर गाओ ने भी बताया कि उन्हें भारतीय सेना से पुष्टि मिली है कि किशोर पीएलए की हिरासत में है और जल्द ही सौंप दिया जाएगा। गाओ ने 19 जनवरी को दावा किया था कि पीएलए ने अपर सियांग जिले के सियुंगला इलाके (बिशिंग गांव) के लुंगटा जोर से टैरोन को अगवा कर लिया है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने रविवार को भारतीय सेना को बताया कि उसे अरुणाचल प्रदेश के पार अपने क्षेत्र में एक किशोर मिला है और वे उसे जल्द ही सौंप देंगे। कुछ दिन पहले सांसद तापिर गाओ ने दावा किया था कि के सैनिकों ने एक किशोर को अगवा कर लिया है। हालांकि, रक्षा सूत्रों ने कहा कि पीएलए ने किशोर की पहचान की पुष्टि नहीं की है और ऐसा माना जाता है कि वह मिराम टैरोन है, जिसे कथित तौर पर 18 जनवरी को अपर सियांग जिले से चीनी सैनिक ले गए थे। घटना के सामने आने के बाद भारतीय सेना ने किशोर का पता लगाने के लिए पीएलए से मदद मांगी थी।
सितंबर 2020 में, पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले से पांच युवकों को अगवा कर लिया था। करीब एक सप्ताह बाद पीएलए ने युवकों को रिहा किया था। नवीनतम घटना ऐसे समय हुई है जब भारतीय सेना और चीन की सेना के बीच लद्दाख में अप्रैल 2020 से गतिरोध है। भारत लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक चीन के साथ 3,400 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) साझा करता है।
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