लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि देश की सीमा कहीं से भी सुरक्षित नहीं है। पाकिस्तान के बाद अब चीन ने हमको काफी परेशान कर रखा है। चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। वह कभी भी पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को डिप्लोमेटिक फ्रंट पर काम करना चाहिए और सबसे बड़ी बात है जनता को सच बताना चाहिए कि हमारी कितनी जमीन छिन गई है।
अखिलेश शनिवार को बकरीद के पर्व पर राजधानी में ऐशबाग स्थित ईदगाह में नमाज अदा करने आए लोगों से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली से भेंट करने के बाद उनको ईद की बधाई दी।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार शिक्षा नीति में कोई भी बदलाव कर ले या मंत्रालय का नाम बदल लें उससे कुछ होने वाला नहीं है। भाजपा बच्चों के भविष्य का राजनीतिकरण न करे। शिक्षा-व्यवस्था ऐसी हो, जिसमें उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो।
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के पीछे उद्देश्य आरएसएस के एजेण्डा को लागू करना है। इस एजेण्डा के मुताबिक नई पीढ़ी को ढालने की कोशिश में अब पाठ्यक्रम को भी एक विशेष रंग में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वहीं उत्तर प्रदेश में तो पूरी शैक्षिक व्यवस्था ही गड़बड़ है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा की केन्द्र के साथ उत्तर प्रदेश सरकार बस नाम बदलने में विशेषज्ञता हासिल करके ही खुश है। इनको कोई काम करने की कोई जरूरत नहीं है। बस दूसरे के काम का नाम ही बदल दो। इस नाम बदलने में भी उनकी कोई मौलिकता नहीं दिखती है प्रदेश में भाजपा ने अब तक अपनी एक भी योजना नहीं लागू की। समाजवादी सरकार की योजनाओं पर ही अपना नाम चस्पा कर खुद की वाहवाही कर लेती है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व के इस छल प्रपंच को आम जनता के साथ भाजपा विधायक, सांसद जान गए हैं और वे भी अब विरोध में आवाज उठाने लगे हैं।
प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में इस नाम की कोई भी चीज नहीं बची है। भाजपा को कानून व्यवस्था की कोई चिन्ता नहीं है। उनका तो यह मानना है कि ‘ठोको’ से ही काम चलता है। लेकिन, यह भी सच है कि जो लोग ‘ठोको’ पर भरोसा करते हैं वह कब पुलिसिंग को बेहतर करेंगे। (एजेंसी, हि.स.)
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