पेइचिंग। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के बयान पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि चीन के बारे में बोलते समय अमेरिकी विदेश मंत्री को यह नहीं पता कि क्या बोलना है। चीनी अखबार ने दावा किया कि भारत के अधिकारियों ने भी खुलकर लद्दाख गतिरोध को आक्रामक कार्रवाई नहीं करार दिया। वहीं पोम्पियो ने इसे अविश्वसनीय आक्रामक कार्रवाई बता दिया।
ग्लोबल टाइम्स ने कहा, संभवत: अमेरिका के वरिष्ठ नेता चीन पर इसलिए लगातार हमला करते रहते हैं, क्योंकि इससे अमेरिकी लोगों की राय पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन यह सही है कि ये बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर बुरा असर डालेंगे। इससे पहले पोम्पियो ने सीमा विवाद को लेकर चीन को जमकर खरीखोटी सुनाई थी। उन्होंने कहा कि चीन का कोई भी पड़ोसी देश ऐसा नहीं है जिसके साथ उसका सीमा विवाद न हो। हाल में ही चीन ने भूटान के साथ भी अपने सीमा विवाद का जिक्र किया है। उन्होंने लद्दाख में चीनी घुसपैठ को लेकर भारत की जवाबी कार्रवाई की भी जमकर तारीफ की।
ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि भारत के अधिकारियों ने भी खुलकर यह आरोप नहीं लगाया कि चीन ‘आक्रामक कार्रवाई’ कर करा है। चीन और भूटान का एक संरक्षित इलाके के स्वामित्व को लेकर विवाद है लेकिन दोनों देशों के बीच कोई संघर्ष नहीं हुआ है। ग्लोबल टाइम्स ने एशिया में जारी सीमा विवाद के लिए अमेरिका को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। चीनी अखबार ने कहा कि एशिया में कई सीमा विवाद पश्चिमी औपनिवेशिक शासन या फिर अमेरिकी सेना के द्वितीय विश्वयुद्ध में सैन्य कब्जे की वजह से है।
चीनी प्रोपेगैंडा अखबार ने कहा कि सभी सीमा विवादों के बावजूद पूर्वी एशिया में सीमा सघर्ष हुए कई साल बीत गए हैं। उसने कहा कि पोम्पियो क्षेत्रीय देशों को भड़काना चाहते हैं ताकि वे चीन के साथ संघर्ष करें। साथ ही यह विश्वास करें कि अमेरिका उनका समर्थक है और इसलिए वे चीन का साहस के साथ सामना कर सकें। हमारा मानना है कि एशियाई देश मूर्ख नहीं हैं और अपना अच्छा बुरा जानते हैं।
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