बीजिंग। दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी युद्धाभ्यास के बाद अब चीन के बमवर्षक विमानों ने इस विवादित इलाके में गुरुवार को जोरदार युद्धाभ्यास किया है। इस अभ्यास में चीन के सबसे शक्तिशाली माने जाने वाले H-6G और H-6J विमानों ने हिस्सा लिया। इन चीनी विमानों ने रात में भी साउथ चाइना सी में युद्धाभ्यास करके अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। ऐसा पहली बार है कि चीन के नए नवेले H-6J बमवर्षक विमानों ने किसी सैन्य अभ्यास में हिस्सा लिया है।
चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि एच-6 विमानों ने लंबी दूरी तक हमला करने और समुद्र में स्थित टारगेट को तबाह करने का परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुआकिआंग ने कहा कि यह चीन की सेना की तैयारियों को और मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा है। मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि ठीक-ठीक किस जगह पर ये अभ्यास किए गए। चीन की एयरफोर्स के साथ नौसेना भी दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास कर रही है। चीन ने इसी इलाके में स्थित अपने कृत्रिम विवादित द्वीपों पर फाइटर जेट तैनात कर रखे हैं।
माना जा रहा है कि चीन ने एच-6 बमवर्षक विमानों के जरिए दक्षिण चीन सागर में तैनात अमेरिकी युद्धपोतों को निशाना बनाने का अभ्यास किया है। इससे पहले ताइवान के आसपास उड़ान भर रहे एक अमेरिकी जासूसी प्लेन को चीन ने धमकी देकर दूर खदेड़ दिया था। इसके बाद तमतमाए अमेरिका ने इस इलाके में अपनी स्ट्रैटजिक बॉम्बर एयरक्राफ्ट की गश्त बढ़ा दी है। अमेरिका ने प्रशांत महासागर के गुआम नेवल बेस पर तैनात बी-1 स्ट्रैटजिक बॉम्बर को इस इलाके में गश्त के लिए भेज दिया। इस विमान ने यूएसएस रोनाल्ड रीगन एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ मिलकर चीन के नजदीक फिलीपीन सागर और साउथ चाइना सी में गश्त लगाई। इस विमान के साथ अमेरिका के जंगी जहाजों का पूरा काफिला उड़ा रहा था। माना जा रहा है कि चीन के चेतावनी के जवाब में अमेरिका ने यह शक्ति प्रदर्शन किया है।
चीन ने अपने बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल ऐसे समय पर किया है जब अमेरिका ने इस इलाके में अपनी सैन्य स्थिति मजबूत की है। यही नहीं अमेरिका के दो एयरक्राफ्ट कैरियर इस इलाके में लगातार गश्त कर रहे हैं। अमेरिका पिछले कुछ दिनों में दो बार दक्षिण चीन सागर में अभ्यास कर चुका है। पिछले दिनों अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इस इलाके में ज्यादातर चीन के दावे को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका चीन को इस समुद्री क्षेत्र को अपने ‘समुद्री साम्राज्य’ की तरह से इस्तेमाल नहीं होने देगा। उधर, चीन ने दावा किया है कि साउथ चाइना सी पर उसकी ‘अविवादित संप्रभुता है।’
इससे पहले पीएलए के एक रिटायर नेवल ऑफिसर वांग यूनफेई ने पिछले सप्ताह दावा किया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दक्षिण चीन सागर में अचानक से हमला करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा था कि ट्रंप इस हमले के जरिए अपनी चुनाव में स्थिति मजबूत करना चाहते हैं। वांग ने कहा कि अमेरिका स्कारबोरो शोअल द्वीप पर हमला कर सकता है जिस पर फिलीपीन्स दावा करता रहा है। एस राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनैशनल स्टडी के रिसर्च फेलो कोलिन कोह ने कहा कि अमेरिकी और चीनी युद्धपोतों या फाइटर प्लेन के बीच भिड़त की आशंका बढ़ती जा रही है।
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