नई दिल्ली। चीनी और रूसी हैकर्स भारतीय COVID-19 वैक्सीन डेवलपर्स, निर्माताओं और प्रशासकों को निशाना बना रहे हैं। एक इंटेलिजेंस फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर्स भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक, पतंजलि और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) को निशाना बना रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में 15 सक्रिय हैकिंग अभियान चल रहे हैं और हैकर्स रोगी की जानकारी, COVID-19 वैक्सीन अनुसंधान डेटा, परीक्षण डेटा और आपूर्ति सीरीज की जानकारी चोरी करना चाहते हैं।
भारत के अलावा, जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, इटली और जर्मनी सहित बारह देश हैकर्स के रडार पर हैं। Microsoft के अनुसार, उत्तर कोरिया और रूस जैसे देश COVID-19 टीकों के अनुसंधान में शामिल सात प्रमुख कंपनियों को लक्षित कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हैकर्स कनाडा, फ्रांस, भारत, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रमुख दवा कंपनियों और वैक्सीन शोधकर्ताओं को सक्रिय रूप से निशाना बना रहे हैं। इससे पहले, दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उत्तर कोरियाई हैकर्स ने फार्मास्युटिकल दिग्गज फाइज़र के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने की कोशिश की थी।
ZDNet की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी में अनुसंधान करने वाली एक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी लैब ने साइबर अपराधियों से समझौता किया था। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को सुरक्षा उल्लंघन के बारे में पता चला, जिसके बाद उसने पुष्टि की कि डिवीजन ऑफ स्ट्रक्चरल बायोलॉजी लैब में एक सुरक्षा घटना हुई थी। पिछले साल दिसंबर में यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) पर हैकर्स द्वारा सफलतापूर्वक हमला किया गया था। COVID-19 वैक्सीन और उसके अनुसंधान से जुड़े संवेदनशील डेटा को चुराने के बाद साइबर अपराधियों ने इस साल जनवरी में इसे लीक कर दिया।
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