वॉशिंगटन। चीनी जासूस (Chinese spy) लगातार अमेरिकी कंपनियों (American companies) को निशाना बना रहे हैं. व्हाइट हाउस (White House) के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि नौवीं अमेरिकी दूरसंचार फर्म (Ninth American telecommunications firm) को एक व्यापक चीनी जासूसी अभियान (Extensive Chinese espionage campaign) के हिस्से के रूप में हैक किया गया है. हैकर्स ने चीन में अधिकारियों को अज्ञात संख्या में अमेरिकियों के निजी टेक्स्ट और फोन कॉल की डिटेल दी है. बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक इस महीने कम से कम आठ दूरसंचार कंपनियों के साथ-साथ कई अन्य कंपनियों को साल्ट टाइफून के रूप में जानी जाने वाले चीनी हैकर्स ने हैक किया।
साइबर और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ऐनी न्यूबर्गर ने शुक्रवार को बताया कि प्रशासन द्वारा कंपनियों को उनके नेटवर्क में चीनी हैकिंग के तरीके के बारे में जानकारी हासिल किए जाने के बाद नौवें पीड़ित की पहचान की गई है. न्यूबर्गर द्वारा दी गई जानकारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों की टेंशन बढ़ा दी है।
हालांकि FBI ने उन लोगों में से किसी की भी सार्वजनिक रूप से पहचान नहीं की है, जिनकी जानकारी हैकर्स ने हैक की है. अधिकारियों का मानना है कि वरिष्ठ अमेरिकी सरकारी अधिकारी और प्रमुख राजनीतिक हस्तियां भी इन लोगों में से हैं, जिनकी कम्युनिकेशन डिटेल्स हैक की गई है।
न्यूबर्गर ने कहा कि अधिकारियों को अभी तक सटीक जानकारी नहीं है कि साल्ट टाइफून से कुल कितने अमेरिकी प्रभावित हुए हैं, आंशिक रूप से इसलिए क्योंकि चीनी अपनी तकनीकों के बारे में सावधान थे, लेकिन बड़ी संख्या वाशिंगटन-वर्जीनिया क्षेत्र में हैकिंग की गई है।
अधिकारियों का मानना है कि हैकर्स का टारगेट यह पहचानना था कि फोन किसके पास हैं और अगर वे सरकार से संबंधित हैं, तो उनके मैसेज और फोन कॉल पर जासूसी की जा सकती है। एफबीआई ने कहा कि हैकर्स द्वारा लक्षित अधिकांश लोग मुख्य रूप से सरकारी या राजनीतिक गतिविधि में शामिल हैं।
न्यूबर्गर ने कहा कि इस प्रकरण ने कम्युनिकेशन उद्योग में आवश्यक साइबर सुरक्षा संबंधित आवश्यकता को उजागर किया है, जिस पर संघीय संचार आयोग अगले महीने एक बैठक में विचार करेगा. उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि स्वैच्छिक साइबर सुरक्षा प्रथाएं हमारे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की चीन, रूस और ईरान द्वारा हैकिंग से बचाव के लिए अपर्याप्त हैं.” हालांकि चीनी सरकार ने हैकिंग की जिम्मेदारी से इनकार किया है।
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