नई दिल्ली । भारत (India) ने गुरुवार को चीन (China) से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सभी लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की मांग की। विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी (wang yi) से मुलाकात के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए सैनिकों की वापसी को पूरा करने का दबाव डाला। इस दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बृहस्पतिवार को बाली में एक मुलाकात के दौरान अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर से कहा कि चीन एवं भारत के संबंधों में ‘सुधार की दिशा में प्रगति’ दिख रही है क्योंकि दोनों देशों ने संवाद कायम रखा है और अपने मतभेदों का प्रभावी तरीके से प्रबंधन किया है।
बाली में जी20 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन से इतर एक घंटे तक चली इस द्विपक्षीय बैठक के दौरान जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सभी लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता से अवगत कराया और इस बात पर जोर दिया कि द्विपक्षीय संबंध परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता और परस्पर हितों पर आधारित होने चाहिए।
वांग ने कहा कि इस साल मार्च से, चीन और भारत ने संवाद और आदान-प्रदान कायम रखा है तथा अपने मतभेदों का प्रभावी तरीके से प्रबंधन किया है। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में आम तौर पर “सुधार की दिशा में प्रगति दिखी है।” चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन और भारत के साझे हित एवं समान वैध दावे हैं।
द्विपक्षीय मुद्दों के संबंध में, वांग ने कहा कि चीन एवं भारत को दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी इस महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने के लिए व्यावहारिक कार्रवाई करनी चाहिए कि “दोनों देश एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं, बल्कि सहयोगी हैं…।” सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने यहां चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से बताया कि वांग ने यह भी कहा कि दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द पटरी पर लाने के लिए जोर देना चाहिए।
जाहिरा तौर पर यूक्रेन मुद्दे पर दोनों देशों के स्वतंत्र रुख का जिक्र करते हुए, वांग ने कहा कि दुनिया व्यापक परिवर्तन के दौर से गुजर रही है जो पिछली एक सदी में नहीं दिखी थी। उन्होंने कहा कि ऐसे में चीन और भारत जैसे प्रमुख देश निश्चित रूप से प्रवाह के साथ नहीं जाएंगे, बल्कि स्थापित लक्ष्यों के अनुसार अपना संबंधित विकास को हासिल करेंगे तथा मानव जाति के भविष्य में अधिक योगदान देंगे।
इससे पहले जयशंकर-वांग बैठक बारे में पूछे जाने पर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हमने बैठक के बारे में भारत की प्रेस विज्ञप्ति को पढ़ा है। मैं आपसे यही कह सकता हूं कि इस समय भारत-चीन सीमा क्षेत्र में स्थिति आम तौर पर स्थिर है।”
प्रवक्ता ने कहा, “चीन और भारत एक दूसरे के अहम पड़ोसी हैं। हमारे पास अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की रक्षा करने की क्षमता और इच्छा है।” उधर, नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकाल तथा पूर्व की बातचीत के दौरान दोनों मंत्रियों के बीच बनी समझ का पूरी तरह से पालन करने के महत्व को भी दोहराया।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “विदेश मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सभी लंबित मुद्दों के जल्द समाधान का आह्वान किया।” वांग ने 24 और 25 मार्च को भारत का दौरा किया था और उसके बाद दोनों विदेश मंत्रियों की यह पहली मुलाकात थी। पैंगोंग झील इलाके में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को भारत व चीनी सेनाओं के बीच सीमा गतिरोध शुरू हो गया था।
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