पेइचिंग। चीन के विदेशी मामलों के एक शीर्ष विशेषज्ञ ने शी जिनपिंग को चेतावनी दी है कि उन्हें देश में अतिराष्ट्रवाद से बचना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के थिंक टैंक चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरेशनैशनल स्टडी के विशेषज्ञ युआन नानशेंग देश को आगाह किया कि वह अमेरिका को हल्के में लेने की गलती नहीं करे। युआन का यह बयान ऐसे समय पर आया है कि जिनपिंग सरकार ‘वुल्फ वॉरियर डिप्लोमेसी’ के नाम पर पूरी दुनिया में अतिआक्रामक रुख अपना रखा है।
युआन ने कोरोना वायरस के खात्मे के बाद अमेरिका की चीन के प्रति नीति को लेकर लिखे गए लेख में यह चेतावनी दी है। उन्होंने चीन सरकार को और ज्यादा सतर्कतापूर्ण रवैया अपनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘हालांकि इस बात की संभावना कम है कि चीन और अमेरिका एक-दूसरे से अलग होने की राह पर आगे बढ़ेंगे। फिर भी इस संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता है और इस पर सतर्कतापूर्वक ध्यान देने की जरूरत है।’
चीन के दुनियाभर में कोरोना वायरस को लेकर सहायता देने के दावे और अमेरिका पर इस महामारी के ठीक ढंग से नहीं संभाल पाने के आरोप के बाद भी युआन शी जिनपिंग सरकार को फूंक-फूंककर कदम उठाने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को चीन के उभार के ऐतिहासिक अवसर के रूप में देखना एक रणनीतिक भूल है। उन्होंने कहा कि चीन अगर देश में अतिराष्ट्रवाद को तेजी से बढ़ने देता है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे गलत रूप देकर यह समझ सकता है कि पेइचिंग ‘चाइना फर्स्ट’ की नीति अपना रहा है।
युआन ने कहा कि कोरोना वायरस से अमेरिका की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि चीनी अर्थव्यवस्था इस अवसर का फायदा उठा लेगी। अपनी अत्याधुनिक तकनीक, सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार, वित्तयी बाजार और वैश्विक मुद्रा के बल पर अमेरिका सबसे पहले इस आर्थिक संकट से निकल जाएगा और पुराने रास्ते पर वापस आ जाएगा।
चीनी विश्लेषक का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दोनों ही देशों में ट्रेड और ताइवान समेत कई मुद्दों पर तनाव काफी बढ़ा हुआ है। युआन ने वुल्फ वॉरियर की जगह पर देंग जियाओपिंग की नीति को फिर से अपनाने की सलाह दी। इसमें उन्होंने कहा था कि ‘अपनी क्षमता को छिपाकर रखो और अपने समय का इंतजार करो।’
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