नई दिल्ली: जब पूरा विश्व कोरोना की मार झेल रहा था उस वक्त भी चीन दूसरों की जमीन पर गलत निगाहें डाल रहा था. 15 जून 2020 को गलवान वैली में चीनी सेना ने अचानक हमारे सैनिकों पर हमला बोल दिया. भारतीय जवानों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया. तभी से दोनों देशों के रिश्ते तनाव की स्थिति से गुजर रहे हैं. इसी बीच राजधानी दिल्ली में होने वाली SCO Huddle में चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ( Li Shangfu) भी हिस्सा लेंगे.
इस मीटिंग की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे. इसके अहम मुद्दे आतंकवाद, रीजनल सेक्युरिटी और अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति है. अगले हफ्ते दिल्ली में शंघाई सहयोग की बैठक होगी. जानकारी के मुताबिक रूस और चीन के डिफेंस मिनिस्टर इसमें हिस्सा लेने नई दिल्ली पहुंचेंगे. इस ग्रुप के अन्य सदस्य भी मीटिंग में पहुंचेंगे और अपने समकक्षों से बातचीत करेंगे.
अभी तक पाक की कोई सूचना नहीं
Shanghai Cooperation Organization के मेंबर देश भारत, चीन, रूस, चेक गणराज्य, कजाखिस्तान, तजाखिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान है. ये मीटिंग 27 और 28 अप्रैल को होगी. भारत ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री को भी बैठक में बुलाया था मगर अभी तक उनकी कोई खबर नहीं आई है. पाकिस्तान की ओर से अभी तक तय नहीं हुआ कि वो भारत में मीटिंग करने आएंगे या नहीं.
5 मई को विदेश मंत्रियों की होगी बैठक
SCO देशों के रक्षा मंत्रियों की मीटिंग के बाद पांच मई को गोवा में विदेश मंत्रियों की बैठक होगी. इस मीटिंग में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो शामिल होंगे. इसका कंफर्मेशन आ चुका है. यानी की जो मीटिंग पांच मई को होने वाली है, पाकिस्तान ने इसके लिए हामी भर दी है लेकिन डिफेंस मिनिस्टरों की जो मीटिंग दिल्ली में होने वाली है उसमें पाकिस्तान ने अभी तक हिस्सा लेने की कोई जानकारी नहीं दी.
पुंछ हमले के पीछे पाकिस्तान
दो दिन पहले जम्मू कश्मीर के पुंछ में आतंकी हमला हुआ है. इसमें सेना के एक वाहन को निशाना बनाया गया. इसमें राष्ट्रीय रायफल्स यूनिट के पांच जवान शहीद हो गए. इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़ रहे हैं. हाई लेवल जांच की जा रही है. पाकिस्तान इसी कारण से और भी रक्षा मंत्रियों की इस बैठक में शामिल होने से कतरा रहा है. क्योंकि अगर वो इस मीटिंग में हिस्सा लेगा तो उसको सुनना भी पड़ सकता है.
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