डेस्क: अमेरिका और चीन के बीच तकरार किसी से छिपी नहीं है. ये तकरार जमीन से निकलकर कब अंतरिक्ष तक पहुंच गई पता ही नहीं चला. स्पेस की दुनिया में सबसे बड़े नाम अमेरिकी स्पेस एजेंसी ‘नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (NASA) का है. मगर चीन स्पेस में भी अमेरिका से मुकाबला करने की पूरी तैयारी में है. इस समय चीन मानव मिशन चला रहा है. हाल ही में Shenzhou-18 ने सफलतापूर्वक चाइनीज स्पेस स्टेशन पर लैंड किया. दिलचस्प बात ये है कि अंतरिक्ष में चीन ने अपना खुद का स्पेस स्टेशन बना रखा है.
चीन के स्पेस स्टेशन का नाम तियांगगोंग है. यह मिशन चीन के लिए बहुत अहमियत रखता है क्योंकि पड़ोसी देश तेजी से मून मिशन की तरफ बढ़ रहा है. जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से Shenzhou-18 ने Long March-2F रॉकेट के साथ उड़ान भरी थी. Shenzhou-18 चाइनीज स्पेस स्टेशन पर लैंड हो गया और चीन ने इस मिशन को सफल करार दिया.
नया क्रू संभालेगा स्पेस मिशन की जिम्मेदारी
चीन के Shenzhou-18 स्पेसक्रॉफ्ट में सवार तीन अंतरिक्ष यात्रियों ने चीन के अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश किया. वहां पहले से Shenzhou-17 क्रू मौजूद था, और दोनों क्रू की मुलाकात हुई. पुराने क्रू ने नए क्रू को ऑर्बिट की जिम्मेदारी सौंपने की शुरुआत की.
चीन मैन्ड स्पेस एजेंसी (CMSA) के अनुसार, लगभग 6.5 घंटे तक चली तेज ऑटोमेटेड रेंडेजवस और डॉकिंग प्रोसेस के बाद स्पेसक्रॉफ्ट स्पेस स्टेशन के कोर मॉड्यूल के रेडियल पोर्ट पर सफलतापूर्वक डॉक किया गया. इसके बाद शेनझोउ-18 क्रू ने स्पेसक्रॉफ्ट क री-एंट्री मॉड्यूल से ऑर्बिटल मॉड्यूल में प्रवेश किया.
शेनझोउ-17 क्रू ने सुबह 5:04 बजे (बीजिंग समय) हैच खोला और नए क्रू के आने का स्वागत किया. दोनों क्रू ने मिलकर तस्वीरें भी खींची. स्पेस में क्रू के एक-दूसरे से मिलने के साथ चाइना स्पेस स्टेशन ऑर्बिट में चौथे क्रू रोटेशन की शुरुआत हुई. CMSA के अनुसार, छह अंतरिक्ष यात्री प्लान के तहत तय कामों को पूरा करने और काम हैंडओवर करने के लिए लगभग पांच दिनों तक एक साथ रहेंगे और मिलकर काम करेंगे.
ये अंतरिक्ष यात्री गए स्पेस
चीन के तीन अंतरिक्ष यात्रियों वाले लेटेस्ट क्रू ने गोबी रेगिस्तान में जिउक्वान स्पेस पोर्ट से उड़ान भरी. इसके बाद ये स्पेसक्रॉफ्ट सफलतापूर्वक तियांगोंग स्पेस स्टेशन पहुंचा. Shenzhou-18 मिशन के तीन सदस्यीय क्रू में कमांडर ये गुआंगफू और पहली बार स्पेस का सफर कर रहे ली कांग और ली गुआंगसु शामिल हैं. Shenzhou-17 क्रू द्वारा तियांगोंग में स्वागत किया जाएगा.
Shenzhou-17 क्रू में तांग होंगबो, तांग शेंगजी और जियांग शिनलिन शामिल हैं. ये तीनों अक्टूबर 2023 के अंत से तियांगोंग का संचालन कर रहे हैं. स्पेस स्टेशन पर पहुंचे Shenzhou-18 के अंतरिक्ष यात्रियों को स्टेशन की जिम्मेदारी सौंपने के बाद तीनों 30 अप्रैल की शुरुआत में पृथ्वी पर लौटने की प्रक्रिया शुरू करेंगे.
चीन का 6 महीने का प्लान
Shenzhou-18 की उड़ान शुरू होने के लगभग 10 मिनट बाद स्पेसक्रॉफ्ट अपर स्टेज से अलग हो गया. Shenzhou-18 तियांगोंग के लिए चीन का सातवां क्रू मिशन है और कुल मिलाकर देश का 13वां मानव स्पेस मिशन है. Shenzhou-18 मिशन लगभग छह महीने तक चलेगा.
क्रू अपने मिशन के दौरान 90 से ज्यादा एक्सपेरिमेंट्स, दो से तीन ज्यादा एक्स्ट्राव्हीकुलर एक्टिविटी करेगा और स्टेशन के कार्गो एयरलॉक के जरिए छह कार्गो आउटबाउंड डिलीवरी की शुरुआत करेगा.
चीन ने 1992 में अपनी अंतरिक्ष स्टेशन प्लान को मंजूरी दी थी और 2021 में तीन-मॉड्यूल, टी-आकार की निचली पृथ्वी ऑर्बिट आउटपोस्ट बनाना शुरू किया. कमांडर ये 2021-2022 Shenzhou-13 मिशन पर निर्माणाधीन स्पेस स्टेशन के पहले विजिटर्स में से एक थे.
इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉट्स और टूरिस्ट्स भी जाएंगे तियांगोंग
चीन की मानव स्पेसफ्लाइट एजेंसी के एक ऑफिसर ने लॉन्च पहले दोहराया कि देश तियांगोंग पर इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉट्स और टूरिस्ट अंतरिक्ष यात्रियों की मेजबानी करना चाहता है. चीन टूरिस्ट विजिट्स पर भी विचार कर रहा है. इसे नासा की टक्कर से जोड़कर देखा जा रहा है.
चीन मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग ऑफिस (CMSEO) के डिप्टी डायरेक्टर लिन जिकियांग ने जिउक्वान में एक प्री-लॉन्च प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को बताया कि हम इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉट्स और टूरिस्ट्स को अंतरिक्ष स्टेशन पर बुलाने के बारे में स्टडी की जाएगी.
CMSEO अधिकारियों ने पहले भी इसी तरह के बयान दिए हैं लेकिन एक बार फिर उन्होंने ऐसी काम के लिए डिटेल्स और जानकारी नहीं दी है. लिन ने कहा कि बिना किसी शक के जल्द ही भविष्य में चीन का स्पेस स्टेशन अलग-अलग बैकग्राउंड से आने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खुलेगा.
चाइना स्पेस स्टेशन का होगा विस्तार
चीन आने वाले सालों में तियांगोंग का विस्तार करने की तैयारी कर रहा है. पहला कदम ऑर्बिटल आउटपोस्ट पर छह डॉकिंग पोर्ट के साथ एक मल्टी-फंक्शनल एकस्पेंशन मॉड्यूल भेजना है. यह विस्तार मेन ऑपरेशंस को रोके बिना इंटरनेशनल, टूरिस्ट और कमर्शियल विजिट्स के लिए ज्यादा यात्राओं की उम्मीद बांधता है.
इससे पहले लिन ने यह भी कहा था कि चीन के अंतरिक्ष यात्रियों के चौथे बैच का सेलेक्शन जल्द ही पूरा होने वाला है. ये एक्टिव एस्ट्रोनॉट्स के साथ मिलकर स्पेस मिशन में शामिल होंगे. लिन के अनुसार, वे चीन के तय मानव मून लैंडिंग मिशन में भी शामिल हो सकते हैं.
2030 तक इंसानों को चांद पर भेजेगा चीन
लिन ने इन मून मिशन के प्रोग्रेस पर अपडेट दी. चीन का लक्ष्य इस दशक के अंत से पहले अपने अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजना है. लिन ने कहा कि प्रमुख फ्लाइट प्रोडक्ट्स के लिए लिए प्रोग्राम डेवलपमेंट, जिसमें लॉन्ग मार्च 10 रॉकेट, Mengzhou क्रू स्पेसक्रॉफ्ट, मून लैंडर Lanyue और लूनर लैंडिंग सूट शामिल हैं, जो सभी पूरे हो चुके हैं. इनके प्रोटोटाइप प्रोडक्शन और टेस्ट पूरे जोर-शोर से चल रहे हैं.
चीन का तियांगगोंग स्पेस स्टेशन
तियांगगोंग स्पेस स्टेशन बनाकर चीन ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को जवाब दिया है. 2011 से नासा के चीन के साथ जुड़ाव पर अमेरिकी बैन की वजह से चीन को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से दूर रखा गया है. 2022 में बना चाइना स्पेस सेंटर चीन के लॉन्ग-टर्म स्पेस मिशन के जरूरी टेस्टिंग और रिसर्च के लिए बेहद अहम है. इसके अलावा चीन के आगामी मून मिशन के लिए तियांगगोंग स्पेस स्टेशन की अपनी अहमियत है.
प्रेसिडेंट शी जिनपिंग की लीडरशिप में चीन अपने स्पेस प्रोग्राम में काफी तेजी लेकर आया है. अमेरिका और रूस जैसे स्पेस के बड़े खिलाड़ियों से टक्कर लेने के लिए चीन स्पेस में भारी निवेश भी कर रहा है. चीन ने ना केवल चांद बल्कि मंगल ग्रह पर भी सफलतापूर्वक मिशन भेजकर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है.
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