नई दिल्ली । पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) के गोगरा-हॉट स्प्रिंग (Gogra-Hot Spring) इलाके में भारत और चीन (India and China) के बीच तनाव कम करने को लेकर हाल में सहमति बनी थी. अब इस इलाके की नई सैटेलाइट (satellite) इमेज में साफ दिख रहा है कि चीन की सेना ने पैट्रोल प्वॉइंट-15 (PP-15)से अपने कैम्प (camp) हटा लिए हैं.
रक्षा मंत्रालय ने इससे पहले कहा था कि कैम्प हटाने की प्रक्रिया 8 सितंबर को ही शुरू हो गई थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने उज्बेकिस्तान के समरकंद पहुंचते, उससे एक हफ्ते पहले ही चीन ने अपने कैम्प हटाने का काम शुरू कर दिया था. इस सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हुए थे.
अधिकारियों ने बताया कि इस बिन्दु पर आम सहमति 16वें दौर की कॉर्प्स कमांडर लेवल मीटिंग से काफी पहले बन गई थी. दोनों पक्षों ने गोगरा-हॉट स्प्रिंग क्षेत्र से अपने कैम्प उठाने पर रजामंदी की थी और इसी के मद्देनजर योजनाबद्ध तरीके से दोनों देशों ने अपने-अपने पड़ाव उठा लिए. सीमा पर शांति के लिए ये बेहद जरूरी है.
भारत और चीन की सेनाओं की ओर से दोनों पक्षों के पड़ाव उठाने का काम 12 सितंबर को पूरा होने की पुष्टि की गई है. इस इलाके में चीन की सेना के एक बड़े कैम्प के होने की खबर आजतक ने ही दिखाई थी. 13 सितंबर के बाद की सैटेलाइट इमेजेस में चीनी सेना के कैंप हटना कंफर्म हो गया है. अन्यथा यहां पहले बड़े सैन्य वाहन और कई अन्य सैन्य उपकरण दिख रहे थे.
हालांकि PP-15 के पास हॉट-स्प्रिंग के एरिया की इमेजेस का तुलनात्मक अध्ययन किया जा सकता है, वहीं PP-16 के पास की ऐसी कोई तस्वीर उपलब्ध नहीं है. इतना ही नहीं दोनों पक्षों की ओर से जो आधिकारिक बयान दिए गए हैं उसमें भी सारा फोकस PP-15 पर सेनाओं के पीछे हटने को लेकर ही किया गया है.
पूर्वी लद्दाख के इन इलाकों तक पहुंचने के लिए चीन ने अच्छा खासा रोड नेटवर्क तैयार कर लिया है. इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में पहले कहा गया था कि चीन पूर्वी लद्दाख को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव कर सकता है.
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