बीजिंग: ताइवान (Taiwan) के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते (President Lai Ching-te) के पद संभालने के बाद से चीन (China) से भड़का हुआ है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही लाई ने अपने पहले संबोधन में ही ताइवान की स्वतंत्रतता के समर्थन में भाषण दिया था। अब चीन ने सीधी धमकी देते हुए कहा कि ‘ताइवान की स्वतंत्रता (Freedom) का मतलब युद्ध (War) है और चीनी सेना इसका जवाब देने के लिए दृढ़ कार्रवाई करने को तैयार है।’ चीनी सेना के प्रवक्ता सीनियर कर्नल वू कियान ने बताया कि चीन का एकीकरण इतिहास की एक अपरिवर्तनीय प्रवृत्ति है और वह अलगाववादी गतिविधियों के समर्थन में विदेशी हस्तक्षेप को विफल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
चीनी सैन्य प्रवक्ता ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के 20 मई को दिए भाषण पर पूछे गए सवाल पर जवाब दे रहे थे। लाई चिंग-ते ने इसी साल ताइवान में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी। लाई की पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) को ताइवान की स्वतंत्रता का धुर समर्थक माना जाता है। लाई ने 20 मई को ताइपे में आयोजित एक शपथ ग्रहण समारोह में साई इंग-वेन का स्थान लिया, जिन्होंने पिछले 8 साल से देश का नेतृत्व किया।
ताइवान को चीन मानता है अपना हिस्सा
चीन ताइवान को अपना ही हिस्सा मानता है और कहता है कि इसे मुख्य भूमि के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए, भले ही इसके लिए बल का इस्तेमाल क्यों न करना पड़े। वहीं, ताइपे में लाई की डीपीपी की पार्टी चीन से स्वतंत्रता की बात नहीं करती, बल्कि एक कदम आगे बढ़कर कहती है कि ताइवान पहले से ही एक संप्रभु राष्ट्र है। इससे चीन भड़कता रहा है। लाई के शपथ ग्रहण समारोह के बाद ही चीन ने ताइवान के चारों तरफ एक बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था, जिसमें पीएलए के थल, नौ सेना और वायु सेना के साथ ही अंतरिक्ष बल भी शामिल हुआ था।
कर्नल वू ने कहा कि लाई का भाषण बलपूर्वक और बाहरी ताकतों पर निर्भर होकर ‘ताइवान की स्वतंत्रता’ प्राप्त करने के उनके प्रयासों की स्वीकारोक्ति है। उन्होंने कहा कि पीएलए इसका दृढ़ता से विरोध करती है और उसने कड़े जवाबी कदम उठाए हैं। वू ने कहा, ‘ताइवान की स्वतंत्रता की मांग करने वाली अलगाववादी गतिविधियां ताइवान जलडमरूमध्य में शांति के लिए सबसे बड़ा वास्तविक खतरा हैं।’
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