पेइचिंग। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े अखबार ग्लोबल टाइम्स ने खुलकर यह स्वीकार किया है कि सेना ताइवान पर कब्जे के लिए अभ्यास कर रही है। चीन सरकार का मुखपत्र समझे जाने वाले अखबार ने कहा है कि शुक्रवार को लड़ाकू विमानों का ड्रिल कोई चेतावनी देने के लिए नहीं था, बल्कि ताइवान पर कब्जा करने के लिए रिहर्सल था।
शुक्रवार को चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने ताइवान के पास लड़ाकू विमान उड़ाए। विमानों की आवाजाही सुबह करीब 7 बजे ही शुरू हो गई थी। एक साथ कई तरफ से चीन के लड़ाकू विमान उड़े और ताइवान के पास पहुंच गए। अखबार के मुताबिक, ताइवान के रक्षा विभाग ने चीन के कुल 18 विमानों के उड़ने की जानकारी दी है।
ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि चीनी सेना अब भी संयमित है, लेकिन जब भी अमेरिका का कोई उच्च अधिकारी ताइवान जाता है, चीनी सेना के युद्धक विमान ‘एक कदम’ और आगे बढ़ते हैं। अगर अमेरिकी विदेश मंत्री ताइवान आते हैं तो चीनी सेना को देश के ऊपर से विमान उड़ाना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि बस एक राजनीतिक कारण की तलाश है, ताकि ताइवान की स्वतंत्र शक्ति को खत्म किया जा सके। अगर ताइवान के अधिकारी आक्रामक रुख बनाए रखेंगे तो ऐसी स्थिति निश्चित तौर से आ ही जाएगी।
चीनी अखबार ने लिखा कि चीन की आपत्ति अमेरिका और ताइवान के गठजोड़ से है। ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि अमेरिकी अधिकारी कीथ जे कराच के ताइवान दौरे की पहले से कोई जानकारी नहीं थी। (कीथ जे कराच गुरुवार को ताइवान पहुंचे थे) बावजूद इसके बेहद कम समय में चीनी सेना ने युद्धक विमान तैयार करके भेज दिए। मतलब चीन की सेना किसी भी वक्त ताइवान पर कब्जा करने के लिए तैयार है।
चीनी अखबार का कहना है कि अमेरिका और ताइवान को स्थिति के बारे में गलत राय नहीं बनानी चाहिए। उन्हें चीनी सेना के अभ्यास को दिखावा नहीं समझना चाहिए। अगर वे अपनी ओर से उकसाते रहे तो निश्चित तौर से युद्ध होगा, जिन लोगों ने हाल में चीन के दृढ़ संकल्प को कम करके आंका है, उन्हें कीमत चुकानी पड़ी है। चीन ने हाल ही में हॉन्ग कॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया है जिससे उसे वहां काफी अधिक शक्ति हासिल हो गई है। वहीं, ग्लोबल टाइम्स अखबार ने लिखा है कि ताइवान छोटी सी जगह है। इसके पास सेना से भिड़ने की स्थिति नहीं है। ताइवान की आजादी का एक अंत है।
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