नई दिल्ली (New Delhi)। भारत और मालदीव (India and Maldives tension) के बीच इन दिनों तनातनी बढ़ी हुई है. इसी दौरान चीन का एक अहम बयान (important statement from China) सामने आया है. चीन (China) ने कहा कि वह मालदीव (Maldives) के आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप (external interference in internal affairs) का दृढ़ता से विरोध करता है. दरअसल, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Maldives President Mohammed Muizzu) चीन की यात्रा पर हैं. इस दौरान उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) से भी मुलाकात की।
चीन के शीर्ष नेताओं के साथ मुइज्जू की वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया कि दोनों पक्ष अपने-अपने मूल हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे का दृढ़ता से समर्थन करना जारी रखने पर सहमत हैं. इसमें कहा गया कि चीन अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, स्वतंत्रता और राष्ट्रीय गरिमा को बनाए रखने में मालदीव का दृढ़ता से समर्थन करता है. मालदीव की राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुकूल विकास के लिए उसका समर्थन करता है. इतना ही नहीं, चीन ने कहा कि मालदीव के आंतरिक मामलों में वह बाहरी हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करता है।
बता दें कि हाल ही में मालदीव के तीन मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के खिलाफ टिप्पणी की. इसके बाद मालदीव की सरकार ने तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद मुइज्जू चीन की यात्रा पर हैं. उन्हें चीन का समर्थक माना जाता है।
मालदीव ने संयुक्त बयान में कहा कि वह एक-चीन सिद्धांत के प्रति दृढ़ता जाहिर करते हैं. पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कानूनी सरकार है और ताइवान चीन के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है. इसमें कहा गया है कि मालदीव चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने वाले किसी भी बयान या कार्रवाई का विरोध करता है, सभी “ताइवान स्वतंत्रता” अलगाववादी गतिविधियों का विरोध करता है और ताइवान के साथ किसी भी प्रकार के आधिकारिक संबंध विकसित नहीं करेगा।
बयान में कहा गया कि मालदीव किसी भी बहाने से चीन के आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप का विरोध करता है और राष्ट्रीय पुनर्एकीकरण हासिल करने के लिए चीन द्वारा किए गए सभी प्रयासों का समर्थन करता है।
मुइज्जू और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत के बाद चीन और मालदीव ने बुधवार को 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. समझौतों में मालदीव में चीनी पर्यटकों को बढ़ाने के लिए पर्यटन में सहयोग शामिल है. बता दें कि मालदीव पहुंचने वाले टूरिस्ट्स में चीन वर्तमान में तीसरे स्थान पर है, जबकि पिछले साल दो लाख से ज्यादा भारतीय टूरिस्ट मालदीव गए थे. लिहाजा भारत इस लिस्ट में टॉप पर था. इसके बाद रूस दूसरे नंबर पर था।
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