न्यूयॉर्क । तियानमेन चौक नरसंहार के बाद चीन (China) उसकी यादें कुचलने में अब डिजिटल दादागीरी कर रहा है। इसके लिए चीनी सरकार ने ऑनलाइन सॉफ्टवेयर जूम (Online software zoom) पर अमेरिका से आयोजित होने वाली वर्चुअल बैठकों को अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके रद्द (virtual meetings canceled) करवा दिया।
मामले में अमेरिकी संघीय अदालत में जूम के एक अधिकारी शिंजियांग जिन के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दायर किया गया है। इस मुकदमे से पुष्टि हो रही है कि चीन विश्व भर में डाटा के उपयोग पर निगरानी भी रख रहा है। अधिकारी का आरोप है कि न्यूयॉर्क के कुछ लोगों के आधिकारिक अकाउंट सिर्फ इसलिए प्रतिबंधित कर दिए गए क्योंकि वे तियानमेन चौक नरसंहार के याद में वर्चुअल बैठकें आयोजित कर रहे थे।
यह भी आरोप है उन्होंने ऐसा चीन की सरकार के कहने पर किया। हालांकि, चीन से ही काम कर रहे शिंजियांग ने इन बैठकों को रद्द करवाने के बहाने अलग-अलग चुने। उदाहरण के लिए शिंजियांग ने पहले फर्जी नाम और आतंकियों व बच्चों की पोर्नोग्राफी वाली तस्वीरें प्रोफाइल में प्रयुक्त कर चार जून को हुई इन बैठकों में हिस्सा लिया। इसके बाद बैठक को कंपनी के नियमों का उल्लंघन बताकर रद्द करवा दिया। ऐसी कम से कम चार बैठकें रद्द किए जाने की जानकारी सामने आई है।
तियानमेन-89: 3000 छात्रों को टैंक से कुचला था
चीन में लोकतंत्र के समर्थन में बीजिंग के तियानतेन चौक पर 1989 में करीब तीन हजार छात्रों को कम्युनिस्ट चीनी सरकार ने टैंकों तले कुचलकर आंदोलन का दमन किया था। कुछ संगठन यह आंकड़ा पांच से दस हजार बताते हैं। आंदोलन रोकने को तीन लाख सैनिक लगाए गए थे। घटना की सभी जानकारियां, तस्वीरें आदि चीनी सरकार पिछले तीन दशक से सेंसर कर रही है। जूम बैठकों पर प्रतिबंध को इसी कड़ी में देखा जा रहा है।
चीन विश्व पर थोप रहा एजेंडा
एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर व्रे ने कहा कि चीन सरकार अपना एजेंडा विश्व पर थोपने के लिए अपनी कंपनियों को इस्तेमार कर रही है। जूम कंपनी ने कहा कि उसने शिंजियांग को निकाल दिया है। संबंधित कर्मचारियों को जांच होने तक छुट्टी पर भेजा गया है। शिंजियांग चीन में आजाद है, यहां की सरकार और अमेरिका में वैसे भी कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
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