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    सीमा तनाव के बीच चीन की नई चाल, दो पत्रकारों का वीजा किया फ्रीज

  • April 05, 2023

    नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) को लेकर चीन (China) हर रोज कोई न कोई नया पैंतरा अपनाता रहता है। सीमा पर तनाव (border tension) के बीच अब चीन ने नई चाल चली है। ड्रैगन ने दो भारतीय पत्रकारों (Two Indian journalists) का वीजा फ्रीज (visa freeze) कर दिया है। दोनों पत्रकार छुट्टी पर भारत आए थे और जब वापस जाने लगे तो उन्हें चीन ने प्रवेश देने से इनकार कर दिया। चीन ने ये कदम भारत सरकार के उस फैसले के बाद उठाया है, जिसमें भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Ministry of External Affairs) ने एक चीनी पत्रकार को देश छोड़ने के लिए कहा था।

    क्या है पूरा मामला?
    दरअसल, कुछ समय पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने शिन्हुआ समाचार एजेंसी के नई दिल्ली स्थित एक संवाददाता को सूचित किया कि उनके भारतीय वीजा का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। उन्हें 31 मार्च तक चीन लौटने के लिए कहा गया था और तय समय के अंदर वह वापस चले गए। सिन्हुआ संवाददाता के वापस चीन लौटने के अलग-अलग कारण सामने आए हैं। कुछ लोगों का कहना था कि ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि वह बहुत लंबे समय से भारत में थे। उनका यहां लगभग छह साल का कार्यकाल पूरा हो चुका था। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि वह यहां अन्य गतिविधियों में भी शामिल था। इसलिए भारत सरकार ने उसका वीजा एक्सटेंड नहीं किया। इस मामले में भारत की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया।


    इसके बाद चीन ने दो भारतीय पत्रकारों का वीजा फ्रीज कर दिया। इसमें एक प्रसार भारती के प्रतिनिधि अंशुमन मिश्रा और दूसरे द हिंदू के संवाददाता अनंत कृष्णन शामिल हैं। दोनों पिछले दिनों छुट्टी पर भारत आए थे। अब जब वापस जाने लगे तो चीनी अधिकारियों ने दोनों को सूचित किया है वह चीन नहीं जा सकते, क्योंकि उनका वीजा फ्रीज कर दिया गया है।

    चीन में अब सिर्फ दो भारतीय पत्रकार बचे
    चीन में अब दो भारतीय पत्रकार ही रह गए हैं। इसमें प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के केजेएम वर्मा और हिंदुस्तान टाइम्स के सुतिर्थो पैट्रानोबिस शामिल हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि वे अभी रुक सकते हैं।

    कुछ साल पहले तक बीजिंग में छह भारतीय पत्रकार काम करते थे लेकिन बाद में यह संख्या घटकर चार रह गई। पिछले कुछ वर्षों में, मुट्ठी भर भारतीय पत्रकारों को भी चीनी अधिकारियों द्वारा फेलोशिप दी गई है, जिससे उन्हें चीन में रहने और अपने मीडिया संगठनों के लिए रिपोर्ट करने की अनुमति मिली है।

    भारत में सरकारी संगठनों के लिए काम करने वाले चीनी पत्रकारों की संख्या सात साल पहले लगभग 14 थी। जुलाई 2016 में, भारत ने शिन्हुआ के तीन पत्रकारों को निष्कासित कर दिया। इनमें नई दिल्ली और मुंबई में संगठन के ब्यूरो प्रमुख भी शामिल थे। तब सुरक्षा एजेंसियों ने खुलासा किया था कि ये लोग पत्रकारिता के अलावा अन्य गतिविधियों में भी शामिल हैं। इसके बाद से भारत में चीनी पत्रकारों की संख्या लगातार घटती जा रही है। भारत में काम करने वाले एक अन्य चीनी पत्रकार का वीजा 2021 में नवीनीकृत नहीं किया गया था। वहीं, कई अन्य ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत छोड़ दिया था। बताया जाता है कि भारत में अब सिर्फ एक ही चीनी पत्रकार है।

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