संयुक्त राष्ट्र: चीन ने बुधवार को संयुक्त राज्य सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) आतंकवादी समूह में एक शीर्ष कमांडर पर प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका और भारत के प्रस्ताव में देरी करने के लिए अड़ंगा लगा दिया है. भारत और अमेरिका चाहते थे कि अब्दुल रऊफ अजहर पर वैश्विक यात्रा प्रतिबंध लगाया जाए और उसकी संपत्ति फ्रीज कर दी जाए. इस तरह के कदम पर सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के सभी 15 सदस्यों की सहमति होनी चाहिए.
न्यूज एजेंसी रायटर्स की एक खबर के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र में चीन के मिशन के एक प्रवक्ता ने कहा कि ‘हमने मामले का अध्ययन करने के लिए और अधिक समय की जरूरत होने के कारण रोक लगाई है. संयुक्त राष्ट्र समिति के दिशा-निर्देशों के मुताबिक ऐसे मामलों में समय दिया जाता है. समिति के सदस्यों द्वारा किए गए अनुरोधों पर इसी तरह कई बार समय दिया गया है.
अमेरिकी वित्त विभाग ने 2010 में आतंकी अजहर को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने और भारत में आत्मघाती हमले कराने का आरोप लगाया था. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन के एक प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि अमेरिका अन्य देशों का सम्मान करता है. फिर भी यह साबित करने की जरूरत है कि एक प्रतिबंध प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में सूची के नियमों के हिसाब से अमली जामा पहनाया जाता है. प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका अपने सुरक्षा परिषद के भागीदारों के साथ सहयोग को महत्व देता है. जिससे अपने गलत कामों से वैश्विक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की आतंकवादियों की कोशिशों को रोकने के लिए प्रतिबंध के इस उपाय का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सके.
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