ढाका। भारत (India) के पड़ोसी बांग्लादेश (Bangladesh) में तख्तापलट (The Coup) के बाद स्थितियां बदल रही हैं। जो देश भारत के साथ हुआ करता था वह भारत विरोधी बना हुआ है। हिंदुओं (Hindus) पर बांग्लादेश में लगातार अत्याचार हो रहा है। वहीं अब चीन की नौसेना बांग्लादेश पहुंच गई है। चीनी नौसेना (Chinese Navy) के एक बेड़े ने शनिवार को बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह का दौरा किया। अगस्त में बांग्लादेश में तख्तापलट और अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद यह पहला विदेशी बेड़ा है। बांग्लादेश में चीन के राजदूत याओ वेन ने इस मौके पर कहा कि ढाका में हाल में हुए राजनीतिक बदलाव के बावजूद चीन-बांग्लादेश संबंध बढ़ते रहेंगे।
चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, ‘बांग्लादेश की घरेलू स्थिति में चाहे जो भी बदलाव आए हों, चीन-बांग्लादेश संबंधों को विकसित करने की चीन की प्रतिबद्धता पहले जैसी ही बनी है। चीन हमारी पारंपरिक दोस्ती को मजबूत करने, मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान और विभिन्न क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को गहरा करने, उच्च गुणवत्ता वाले बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को बढ़ावा देने के लिए बांग्लादेश के साथ मिलकर काम करने को उत्सुक है।’
दोनों देशों के अधिकारी मिले
इससे पहले याओ वेन और चीनी नेवी फ्लीट के कमांडर क्यूई जिगुआंग और जिंग गैंगशान ने चट्टोग्राम नौसेना क्षेत्र के कमांडर रियर एडमिरल मसूद इकबाल, बांग्लादेश नौसेना बेड़े के कमांडर रियर एडमिरल मोहम्मद मोइनुल हसन और रियर एडमिरल एस.एम. मोनिरुज्जमां से मुलाकात की। दोनों देशों ने बांग्लादेश और चीनी नेवी बलों के बीच समुद्री और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की है।
बंदरगाह बना रहे चीन-बांग्लादेश
चीनी राजूद ने कहा कि चीन और बांग्लादेश व्यापक रणनीतिक सहकारी भादीगार हैं। इससे पहले दोनों देशों के बीच आखिरी महत्वपूर्ण यात्रा 8-10 जुलाई की थी। तब पूर्व पीएम शेख हसीना चीन गई थीं। लेकिन छात्र आंदोलन से निपटने के लिए कथित तौर पर उन्होंने अपनी यात्रा को छोटा कर दिया था। बांग्लादेश चटगांव में चीन की मदद से एक बंदरगाह बना रहा है। इस फैसिलिटी ने पहले भी ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि इसमें पनडुब्बियों और युद्धपोतों को भी रुकने देने की क्षमता है।
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