नई दिल्ली। जब कोरोना (Corona) आया था तब पूरी दुनिया के लोग इसे फैलाने के लिए चीन (China) को अप्रत्यक्ष तौर पर दोषी मानते थे। अमेरिका (America) ने तो खुलमखुला कहा था कि चीन के बुहान लैब (buhan lab)से कोरोना वायरस लीक (corona virus leaked) हुआ है. कोरोना के बाद अब पूरी दुनिया में मंकीपॉक्स (Monkeypox) को लेकर भय का माहौल है। अब तक 15 देशों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है लेकिन चीन में इस बीमारी को लेकर एक नई कहानी बताई जा रही है। दरअसल, यह वायरल संक्रमण पिछले तीन दिनों से चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो (Weibo) पर तेजी से चर्चित हो रहा है। दिलचस्प बात यह है कि इस मंकीपॉक्स के लिए चीनी सोशल मीडिया के यूजर अमेरिका को दोषी मान रहे हैं। इनका कहना है कि मंकीपॉक्स के मामले में वृद्धि का प्रमुख स्रोत अमेरिका है।
मंकीपॉक्स अमेरिका की योजना
अमेरिकी पत्रिका फॉर्चून के मुताबिक अमेरिका में मंकीपॉक्स के संदिग्ध वाली खबर वीबो पर 5.1 करोड़ बार देखा गया. हालांकि अब तक चीनी मीडिया की ओर से मंकीपॉक्स के लिए अमेरिका को जिम्मेदार मानने संबंधी कोई खबर नहीं आई है लेकिन चीनी सोशल मीडिया पर कई दिग्गजों ने इस खबर को हवा दी है कि अमेरिका ने मंकीपॉक्स को फैलाने की योजना बनाई है। फॉर्चून के मुताबिक सोशल मीडिया पर अमेरिका के एक एनजीओ की बायोसिक्योरिटी रिपोर्ट को हवाला देते हुए यह खबर फैलाई जा रही है कि मंकीपॉक्स अमेरिका की योजना है. हालांकि इस रिपोर्ट को संदर्भ से हटकर पेश किया जा रहा है।
कल्पना से ज्यादा बुरा अमेरिका
दरअसल, इसकी शुरुआत तब हुई जब चीनी सोशल मीडिया वीबो पर एक प्रभावशाली सोशल मीडिया इंफ्लूएंशर शु चांग (Shu Chang) ने एक पोस्ट किया जिसमें रिपोर्ट का कांट छाटकर यह दिखाने की कोशिश की गई है अमेरिका मंकीपॉक्स वायरस में बोयइंजीनियरिंग के माध्यम से इसे लीक करने की योजना बना रहा है. शु चांग के वीबो पर 64.1 लाख फॉलोअर्स हैं। शु चांग के पोस्ट को 7500 यूजर ने लाइक किया और इसपर 660 से ज्याद कमेंट्स आए हैं। कई यूजर ने शु चांग की बातों से सहमति जताई है. एक यूजर ने तो यहां तक कहा है कि अमेरिका हमारी कल्पनाओं से कहीं ज्यादा मानवता के लिए बुरा है. वीबो पर इस पोस्ट को 10 हजार से ज्यादा यूजर ने लाइक किया है. फॉर्चून के मुताबिक शु चांग की यह साजिश वाली थ्योरी है. दरअसल, स्मॉलपॉक्स के चचेरे भाई की तरह मंकीपॉक्स सबसे पहले अफ्रीका में मिला. लेकिन वर्तमान में यह यूरोप, उत्तरी अमेरिका सहति कई अन्य देशों में दस्तक दे दी है. हालांकि चीन में अब तक इसका कोई मामला सामने नहीं आया है।
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