नई दिल्ली। भारत में रहकर हवाला रैकेट चला रहा चार्ली पेंग एक जासूसी नेटवर्क का भी हिस्सा था। उसने अन्य चीनी नागरिकों के साथ मिलकर चीनी शेल कंपनियों के नाम से बैंक खाते खोले और करीब 1000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की। फिलहाल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से लेकर कई एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं। एक जानकारी में पता चला कि चीनी खुफिया एजेंसियों ने उसके जरिए दिल्ली में निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों को घूस देने की कोशिश की।
चीनी एजेंसियों के निशाने पर मजनूं का टीला में रहने वाले लामा और भिक्षु थे। पेंग ने सीधे पैसा नहीं दिया लेकिन अपने ऑफिस स्टाफ के जरिए रकम भिजवाता रहा। जिन लोगों को पैसा दिया गया, उनकी पहचान अभी नहीं हो सकती है। पेंग का दावा है कि उसके स्टाफ ने जिन पैकेट्स में पैसे दिए, उनमें 2 से 3 लाख रुपये थे। 2014 के बाद से पेंग ने दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में दलाई लामा की टीम में भी घुसपैठ करने की कोशिश की थी।
आयकर विभाग ने पिछले हफ्ते दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर छापेमारी की थी। उसके मुताबिक, पेंग और अन्य चीनी नागरिकों ने चीनी शेल कंपनियों के नाम पर 40 बैंक खाते खोले और 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की लॉन्ड्रिंग की। रजिस्टर्ड चीनी कंपनियों पर शेल कंपनियों से एडवांस में 100 करोड़ रुपये लेकर भारत के रिटेल मार्केट में घुसने का आरोप है। पेंग को पहली बार दिल्ली पुलिस ने 2018 में अरेस्ट किया था। साल भर बाद, उसे जमानत पर रिहा किया गया था।
हैदराबाद पुलिस ने एक ऑनलाइन गैम्बलिंग रैकेट का खुलासा किया है। मामले में एक चीनी नागरिक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए नीरज तुली ने जांचकर्ताओं को बताया है कि वह एक आम दुकानदार था जिसकी दिल्ली के करोल बाग में छोटी सी दुकान है। उसने दावा किया कि उसे पता नहीं था कि उसके नाम का इस्तेमाल वह चीनी कंपनी चलाने में हो रहा था जिसके जरिए 1000 करोड़ से ज्यादा का गबन हुआ। तुली ने अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट पड़ोसी पी हेमंत का नाम लिया और कहा कि उसने कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए। अब हेमंत की तलाश की जा रही है।
तुली के नाम पर कई दस्तावेज मिले हैं जिनमें उसे बीजिंग टी पावर के तहत चलने वाली कई फर्मों में डायरेक्टर दिखाया गया है। 2019 से 2020 के बीच भारत में ऐसी 8 फर्मों का रजिस्ट्रेशन हुआ। ये कंपनियां सिर्फ रेफरेंसेज के जरिए ऑनलाइन गैम्बलिंग चला रही थीं। पेमेंट अलग-अलग ई-पेमेंट गेटवेज के जरिए लिया जाता था। बाकी दो डायरेक्टर- धीरज सरकार और अंकित कपूर को पूरे फ्रॉड का आइडिया था।
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