लॉस एंजेल्स। हांगकांग के बाद चीन का दबाव लगातार ताइवान पर बढ़ रहा है। ताइवानी कूटनीतिज्ञों को भय है कि चीनी तंत्र ‘एक देश, दो प्रणाली’ की आड़ में ताइवान के प्रजातांत्रिक प्रणाली को किसी भी समय आहत कर सकता है। ऐसी स्थिति में उसे अमेरिका सहित मित्र देशों पर भरोसा करने के सिवा विकल्प नहीं रह जाएगा। चीन ने सोमवार को हांगकांग में मीडिया मुग़ल ज़िम्मी लाई को हिरासत में लेकर एक संदेश देने की कोशिश की है कि वह प्रजातांत्रिक मूल्यों की दुहाई देने वालों को काल कोठरी में झोंक सकता है। इस पर ताइवानी नागरिक सकते में हैं लेकिन अमेरिकी मीडिया चीन के नापाक इरादों से और उग्र होता जा रहा है।
अमेरिकी मीडिया के अनुसार ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ़ वू ने दौरे पर आए अमेरिका के स्वास्थ्य और मानवीय मंत्री एलेक्स एम. अजर के साथ सोमवार को साझी मीडिया वार्ता में भाग लिया। जोसेफ़ वू ने इस बात को विशेष रूप से रेखांकित किया कि ‘चीन एक देश दो प्रणाली’ के नाम पर आए दिन ताइवान के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। ताइवानी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें ऐसी घड़ी में अमेरिका जैसे मित्र मिले हैं, जो उनके प्रजातांत्रिक और मानवीय पक्ष को अहमियत देते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने एलेक्स एम अजर की यात्रा को महत्वपूर्ण बताया।
अमेरिका ने ताइपे से सन 1979 में चीन के ‘एक देश दो प्रणाली’ के सिद्धांत के कारण आधिकारिक संबंध विच्छेद कर लिए थे, लेकिन ताइवान की लोकतांत्रिक मर्यादाओं को ध्यान में रखते हुए उसे हथियार देना बंद नहीं किया था। चीन के साथ कारोबारी जंग के पश्चात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के अधिनायकवादी रवैए के विरुद्ध ताइवान से व्यापार और सुरक्षा संबंध और प्रगाढ़ बनाए। चीन के विरोध के बावजूद ताइवान को लड़ाकू विमान और हथियारों की आपूर्ति जारी रखी। अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री ने इस संबंध में ताइवान के साथ मित्रता का हाथ बढ़ते हुए उसकी इस बात के लिए विशेष रूप से सराहना की कि पड़ोसी चीन में कोरोना संक्रमण की शुरुआत के बावजूद अपने देश में इसे बढ़ने नहिन्दिया, कोरोना संक्रमण पर अंकुश रखा। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया भर के देशों को ताइवान से कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के मामले में ताइवान से सीख लेनी चाहिए।
चीन के लड़ाकू विमान सोमवार को ताइवानी खाड़ी में घुस आए थे, लेकिन तभी ताइवान ने उसका कड़ा प्रतिकार किया ताइवान के एंटी एयरक्राफ़्ट मिसाइलें सतर्क हो गई और किसी तरह चीनी लड़ाकू विमान गश्त कर वापस लौट गए। चीन ने बार बार ताइवान को एक देश दो प्रणाली के अन्तर्गत क़ायदे क़ानून मानने के लिए दबाव डालता आ रहा है।
उल्लेखनीय है कि चीन ने अमेरिका के स्वास्थ्य और मानवीय सेवाओं के मंत्री एलेक्स एम. अजर की ताइवान यात्रा का आदतन कड़ा विरोध किया है। इसे अपनी संप्रभुता को चुनौती के रूप में लिया है। इसके विपरीत ताइवान ऐसे समय में एलेक्स की यात्रा को महत्वपूर्ण मान कर चल रहा है। उन्होंने सोमवार को ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन से मुलाक़ात की और इस यात्रा को बदले परिवेश में महत्वपूर्ण बताया। (हि.स)