पेइचिंग : चीन अपने रक्षा क्षेत्र में एक लम्बी छलांग लगाने की तैयारी में है। चीन एक ऐसा स्टील्थ बॉम्बर तैयार कर रहा है जो अपनी जमीन से दूर अमरीकी सैन्य बेसों को अपना निशाना बना सकता है। इस स्टेल्थ बॉम्बर का चीन ने H-20 रखा है। यह एक खुफिया प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है। लंबी दूरी के इस सबसोनिक प्लेन पर अभी काम चल रहा है। पेंटागन का मानना है कि इन बॉम्बर्स की रेंज 5000 मील हो सकती है और यह गुआम जैसे अमेरिकी बेस को निशाना बना सकता है। वहीं, कई सैन्य विश्लेषकों का यह भी मानना है कि यह हवाई को भी अपनी जद में ले सकता है।
लंदन के एक थिंक टैंक रॉयल युनाइटेड सर्विसेज इंस्टिट्यूट के मुताबिक H-20 से चीन को अपनी ताकत दिखाने की क्षमता मिलेगी। इसकी स्टडी में दावा किया गया है कि परमाणु और पारंपरिक मिसाइलों से लैस H-20 PLAAF (पीपल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स) के पुराने रवैये और उपकरणों के विकास के तरीके से अलग लाइन पेश करेंगे। इसके मुताबिक माना जाता है कि PLAAF अभी क्षेत्रीय तौर पर देश के अंदर और गुआम में अमेरिकी बेस के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार है। वहीं, H-20 से चीन को अलग-अलग महाद्वीपों पर शक्ति प्रदर्शन की क्षमता मिलेगी।
अपनी 2020 चीन मिलिट्री पावर रिपोर्ट में अमेरिका के रक्षा विभाग ने कहा है कि H-20 की रेंज 8,500 किमी तक हो सकती है और यह 200 टन वजन उठा सकता है। इसका मतलब है कि चीन के तट से 2000 मील दूर गुआम बेस को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीन की सेना हवाई को भी अपने निशाने पर ले सकती है। H-20 पर अपनी एक रिपोर्ट में द नैशनल इंटरेस्ट ने कहा था, ‘PLAAF को ऐसा बॉम्बर चाहिए था जो तीसरी चेन या अलूशियन टापू से हवाई के बीच ऑपरेट कर सके।’
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