बीजिंग: चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) के भविष्य (future) पर सवाल उठने लगे हैं। चीन ने पाकिस्तान से दो टूक (China’s clear statement) कहा है कि सीपीईसी का भविष्य चीनी नागरिकों (Chinese) और निवेश (investments) की सुरक्षा (safety) पर निर्भर है। दरअसल, पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। इन हमलों को लेकर पाकिस्तान सरकार कोई भी प्रभावी कार्रवाई करने में विफल रही है। यहां तक कि पिछले कई हमलों में शामिल किसी भी आतंकवादी को पकड़ा नहीं जा सका है। पाकिस्तान का दावा है कि चीनी नागरिकों पर हमला करने वाले आतंकवादी अफगानिस्तान से आ रहे हैं। इसके बावजूद चीन इस बात को मानने को राजी नहीं है कि पाकिस्तान अपनी तरफ से भरपूर कोशिश कर रहा है।
चीन ने पाकिस्तान को दी चेतावनी
अब द डिप्लोमेट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है, “चीनी राजदूत जियांग ज़ैडोंग और चीन के राष्ट्रीय विकास सुधार आयोग के उपाध्यक्ष ली चुनलिन के बीच हुई बैठकों में बीजिंग ने स्पष्ट रूप से बताया कि सीपीईसी का भविष्य चीनी नागरिकों और निवेशों की सुरक्षा पर निर्भर है।” संयुक्त सहयोग समिति की बैठकों से अवगत एक योजना मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, “CPEC को लेकर चीनी लोगों में गुस्सा है। वे न तो सुरक्षा की कमी से खुश हैं और न ही 2018 से CPEC पर प्रगति की कमी से।” जून में औपचारिक लॉन्च से पहले CPEC-II पर काम शुरू हो चुका है, लेकिन कॉरिडोर पर सब कुछ ठीक नहीं है, क्योंकि CPEC की प्रगति से बीजिंग का असंतोष इसके भाग्य पर सवालिया निशान लगाता है।
अब सफाई दे रहा पाकिस्तान
रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी अधिकारी आगे बताते हैं कि नागरिक और सैन्य नेतृत्व के पास सीपीईसी की किस्मत में तेजी से बदलाव दिखाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति है, जिससे जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को हालिया असफलताओं का दोष मढ़ा जा सकता है। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार के तहत सीपीईसी की सुरक्षा से समझौता किया गया। तब पाकिस्तान ने सीपीईसी की शर्तों पर फिर से बातचीत करने की मांग की थी। इमरान खान के सलाहकार ने सार्वजनिक रूप से परियोजनाओं को “रोकने” का आह्वान किया था।
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