नई दिल्ली। चीन सरकार मानवाधिकारों का उल्लंघन (Chinese government human rights violations) करे ये हो नहीं सकता है। हाल ही में एक लीक डॉक्यूमेंट (leaked document) से खुलासा हुआ है कि चीन के शिनजियांग क्षेत्र में 10 लाख से अधिक उइगर जेलों में बंद हैं। डाटाबेस से हजारों उइगरों की दयनीय स्थिति का पता चलता है। लीक हुआ डेटा 137 पेज की एक पीडीएफ फाइल (PDF File) है जो एक्सेल शीट या वर्ड टेबल द्वारा तैयार किया गया है। इससे पता चलता है कि चीन किस तरह से मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।
चीन के जिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों (Uighur Muslims in China’s Xinjiang Province) के प्रताड़ना का मामला पिछले एक दशक से उठता रहा है। अक्सर यह आरोप लगाया जाता है कि आतंकवाद पर काबू पाने के नाम पर चीन उइगर मुसलमानों को यातना शिविर में भेजता है और उसे प्रताड़ित करता है। अब एक लीक गोपनीय दस्तावेज में यह बात सामने आई है कि चीन ने हाल ही में 10 हजार से ज्यादा उइगर मुसलमानों को हिरासत में लेकर इन्हें यातना शिविर में भेज दिया है। यातना शिविर में इन मुसलमानों को चीनी रीति रिवाज सिखाया जाता है और इस्लाम से दूरी बनाने के लिए कहा जाता है। उनपर जुल्म किया जाता है।
न्यूज एजेंसी एएफपी ने नरसिमांगुल अब्गुररसीद (Nursimangul Abdureshid) से बातचीत में यह जानकारी हासिल की है। नरसिमांगुल का 2020 तक यह पता नहीं था कि उनका भाई कहां है। 2020 में अंकारा में स्थिति चीनी दूतावास ने यह बताया कि उनका परिवार आतंकवादी संलिप्तता के कारण जेल में है। कहा जा रहा है कि चीन ने 10 लाख से ज्यादा उइगर मुसलमानों को आतंकवाद के अपराध का नाम देकर यातना शिविर में रखा हुआ है।
उइगर मुसलमानों के नरसंहार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में मामला
हालांकि संदिग्ध पुलिस की सूची में नरसिमांगुल का परिवार अक्सू के यातना शिविर में है जो उनके घर से 600 किलोमीटर की दूरी पर अक्सू में स्थित है. चीन से बाहर उइगर मुस्लिम एक्टिविस्टों ने यह जानकारी दी है. डॉक्यूमेंट में उन्हें 15 साल और 11 महीने की जेल हुई है। अंकारा में बीजिंग दूतावास ने भी इस खबर की पुष्टि की है। नरसिमांगुल फिलहाल इंस्तांबुल में रह रही है। यह खबर उनके परिवार के परिवार में कुछ न जानने से थोड़ा बेहतर जरूर है क्योंकि अब उन्हें छुड़ाने के लिए वे प्रयास कर रही हैं। इससे पहले एएफपी के डाटाबेस में 10 हजार से ज्यादा उइगर मुसलमानों की सूची थी जिन्हें चीन ने कैद कर रखा है, इनमें नरसिमांगुल के गांव के 100 लोग भी शामिल हैं।
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