नई दिल्ली: चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए देश के नए नक्षे पर भारत के कड़े विरोध के बाद अब अन्य देश भी ड्रैगन के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार वियतनाम ने खुले स्वर में चीन की निन्दा की है. वियतनाम सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि चीन उनके समुद्री क्षेत्र को अपना बताने का प्रयास कर रहा है. यह उनकी संप्रभुता के खिलाफ है. इससे पहले फिलीपींस और मलेशिया भी नए नक्षे में समुद्री क्षेत्र का उल्लंघन करने पर चीन की क्लास लगा चुके हैं.
वियतनाम के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फाम थू हैंग ने इसपर कहा, ‘नक्षे पर नौ-बिंदु रेखा के आधार पर चीन की संप्रभुता और समुद्री दावे अमान्य हैं. वियतनाम बिंदीदार रेखा के आधार पर दक्षिण चीन सागर में चीन के सभी दावों का दृढ़ता से विरोध करता है.’ दक्षिण चीन सागर के ड्रैगन 80 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर अपना दावा करता है. 1947 के मानचित्र का हवाला देते हुए चीन नौ-बिंदु रेखा को दिखाता है. यह छोटे-छोटे द्वीपों वाले नौ बिंदुओं को चीन अपना बताता है और दक्षिण चीन सागर में करीब 1,800 किलोमीटर क्षेत्र पर अपना अधिकार जमाता है. वहीं, वियतनाम, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और ताइवान जैसे क्षेत्रों के अंतर्गत यह इलाके आते हैं.
भारत पहले ही खुले स्वर में चीन की इस विस्तारवादी नीति का विरोध कर चुका है. चीन द्वारा जारी किए गए ताजा नक्षे में भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपने क्षेत्र में दिखाया गया. भारत सरकार की तरफ से इसका विरोध किया गया. इसपर चीन की प्रतिकिया भी सामने आई. बैकफुट पर नजर आ रहे ड्रैगन ने कहा कि संबंधित पक्ष शांत रहें. नक्षे पर मतलब निकालने से बचा जाना चाहिए. बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिन को जी20 बैठक के दौरान भारत आना है. ऐसे में इस हालिया घटना के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते फिर से तल्ख हो सकते हैं.
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