नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच रिश्ते हाल के दिनों में काफी तनावपूर्ण बने हुए हैं। हालांकि, इस दौरान दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई है लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। खास तौर से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को लेकर जल्द कोई हल नहीं निकलने की खबरों पर चीन ने प्रतिक्रिया दी है। चीन ने कहा कि भारत सीमा विवाद के मुद्दे को ज्यादा जटिल नहीं करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और चीन इस मुद्दे को लेकर मुलाकात कर सकते हैं।
चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने बुधवार देर रात इस मुद्दे पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि चीन को उम्मीद है कि भारत की ओर से ऐसी कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी जिससे सीमा पर स्थिति और कठिन हो। यह सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने और द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ विकास के लिए ‘अनुकूल हालात’ बनाएगा।
चीन की ओर ये बयान उन खबरों पर आया है जिसमें गया है कि भारत-चीन के बीच ‘टकराव’ लंबे समय तक चलेगा। चीनी अधिकारी ने अपने बयान में यह भी कहा कि दोनों देश सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से करीबी बातचीत में जुटे हुए हैं। यही नहीं सीमा पर समग्र स्थिति स्थिर और शांतिपूर्ण बन रही है।
इससे पहले भारत ने चीन से पूर्वी लद्दाख के रणनीतिक रूप से बेहद अहम डेपसांग-दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर में अपने सैनिकों को वापस बुलाने और निर्माण गतिविधियों को रोकने के लिए कहा था। इस इलाके में हजारों सैनिकों की तैनाती के साथ-साथ टैंक और आर्टिलरी गन भी मौजूद हैं। पूर्वी लद्दाख में नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पैंगोंग सो और डेपसांग के अलावा गतिरोध की अनेक जगहों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लेकर को दोनों देश बातचीत कर रहे हैं।
8 अगस्त को एलएसी के चीनी क्षेत्र की तरफ दौलत बेग ओल्डी में मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई, जिसमें भारतीय पक्ष ने जल्द से जल्द चीनी सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने की प्रक्रिया पर और पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में पांच मई से पहले के अनुसार यथास्थिति तत्काल बहाल करने पर जोर दिया था। सूत्रों के अनुसार चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने गलवान घाटी और कुछ अन्य गतिरोध वाली जगह से सैनिकों को वापस बुला लिया है लेकिन पैंगोंग सो, गोगरा और डेपसांग में फिंगर क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है।
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