पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन की इस्लामाबाद के आंतरिक मामलों में लगातार दखल बढ़ रही है। वह पाकिस्तान के आर्थिक और राजनीतिक मामलों पर नियंत्रण करना चाहता है। चीन के ताकतवर राष्ट्रपति शी जिनपिंग अरबों डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) परियोजना के जरिये पाकिस्तान को कठपुतली बनाना चाहते हैं।
एशिया टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में अली सलमान अनदानी ने कहा कि चीन लंबे समय से पाकिस्तान की राजनीति और अर्थव्यवस्था पर कब्जा जमाने का मंसूबा पाले बैठा है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज ने सीपीईसी को खारिज कर दिया था, जबकि पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान चीनी राष्ट्रपति का यह सपना पूरा करते दिख रहे हैं।
इमरान को देश की संप्रभुता की भी चिंता नहीं है। वह वास्तव में पाकिस्तानी सेना की कठपुतली हैं। वह जिनपिंग के आगे इस कदर नतमस्तक हैं कि देश के कानून को भी ताक पर रख दिया है। अनदानी ने आगे लिखा कि पाकिस्तान का योजना एवं विकास मंत्रालय देश के सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक है।
यहां बैठे शीर्ष अधिकारी सीपीईसी परियोजना में चीन की कठोर शर्तों को लेकर सहज नहीं हैं। चीनी राष्ट्रपति को डर है कि ये अधिकारी जांच के बहाने इस परियोजना को लटका सकते हैं। इस मंत्रालय को किनारे कर देने पर चीनी राष्ट्रपति का खेल आसान हो जाएगा। दुर्भाग्य से इमरान यही कर रहे हैं।
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