नई दिल्ली. अमेरिका (America) और चीन (China) के बीच व्यापार ट्रेड वॉर (trade war) थमने का नाम नहीं ले रही है. बीते दिन ट्रंप (Donald Trump) ने चीन पर 104% जवाबी टैरिफ (retaliatory tariff) लगाने का ऐलान किया था. इसके जवाब में आज चीन ने घोषणा की कि वह गुरुवार से अमेरिकी वस्तुओं पर 84 प्रतिशत तक टैरिफ लगाएगा, जो पहले घोषित 34 प्रतिशत से काफी ज्यादा है.
आज से लागू हुए ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कई देशों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ बुधवार से प्रभावी हो गए हैं. इनमें चीनी वस्तुओं पर लगाया गया भारी शुल्क भी शामिल है, जिससे ग्लोबल ट्रेड वॉर बढ़ गया है.
WTO में चीन ने कही ये बात
बुधवार को चीन ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन से कहा कि स्थिति खतरनाक रूप से बढ़ गई है और चेतावनी दी कि चीन पर अमेरिकी टैरिफ वैश्विक व्यापार स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं.
चीन ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन को दिए गए एक बयान में कहा, ‘प्रभावित सदस्यों में से एक के रूप में, चीन इस लापरवाह कदम पर गंभीर चिंता और विरोध व्यक्त करता है. रेसिप्रोकल टैरिफ व्यापार असंतुलन का समाधान नहीं है और कभी नहीं होगा. इसके बजाय, वे उलटे असर करेंगे, जिससे अमेरिका को ही नुकसान होगा.’
कल अमेरिका ने लगाया था 104% जवाबी टैरिफ
बताते चलें कि बीते दिन अमेरिका ने चीन पर कार्रवाई करते हुए तीसरा टैरिफ बम फोड़ा था. व्हाइट हाउस ने बताया था कि अमेरिका चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगा रहा है जो बुधवार 9 अप्रैल से लागू हो जाएगा. अमेरिका ने ये कदम चीन द्वारा हाल ही में अमेरिकी आयात पर 34% टैरिफ लगाने के बाद उठाया है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिना लेविट ने चीन द्वारा अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई को एक गलती करार दिया. उन्होंने कहा कि जब अमेरिका को चुनौती दी जाती है तो जवाब सशक्त और अडिग होता है. लेविट ने कहा, ‘चीन द्वारा जवाबी कार्रवाई करना एक गलती थी. जब अमेरिका पर हमला होता है तो वह और भी जोरदार तरीके से पलटवार करता है.’
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