डेस्क। अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए चीन ने बड़ा कदम उठाते हुए रिजर्व रिक्वायरमेंट रेश्यो में आधा फीसदी की कटौती की है. इस फैसले से चीन के बैंकिंग सिस्टम में नकदी बढ़ जाएगी. लिहाजा बैंक ज्यादा कर्ज़ दे पाएंगे. ऐसे में कंपनियों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी. कंपनियां अपनी आमदनी बढ़ा पाएंगी.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार से भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को फायदा मिलेगा. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस कटौती से 1 लाख करोड़ यूआन की लिक्विडिटी बाजार में आएगी. इससे सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में मेटल शेयरों में जोरदार तेजी आ सकती है.
चीन ने रिजर्व रिक्वायरमेंट रेश्यो में की बड़ी कटौती
भारत के सीआरआर की तरह चीन में रिजर्व रिक्वायरमेंट रेश्यो होता है. चीन का सेंट्रल बैंक पीपल्स बैंक ऑफ चाइना इसे घटाकर बैंकिंग सिस्टम में नकदी बढ़ा देता है. अभी भी चीन के बैंक ने यहीं किया है. चीन ने रिजर्व रेश्यो में 0.5 फीसदी की कटौती की है. नई दरें 15 जुलाई से लागू होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कटौती से 1 लाख करोड़ यूआन की लिक्विडिटी बाजार में आएगी. इससे सोमवार को घरेलू बाजार में मेटल शेयरों में जोरदार तेजी आ सकती है.
क्या होगा भारत पर असर
एस्कॉर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकाबल ने TV9 हिंदी को बताया कि चीन दुनियाभर में बेस मेटल्स का सबसे बड़ा कंज्यूमर है ऐसे में ब्याज दरों में कटौती से बेस मेटल्स की कीमतों को सहारा मिलेगा.दुनियाभर के शेयर बाजार में भी तेजी आएगी. अमेरिकी डॉलर पर दबाव बढ़ने से भारतीय रुपये को भी सहारा मिलेगा.
अब सस्ती दरों पर चीन की इंडस्ट्री कर्ज मिल सकेगा. इससे मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आने की उम्मीद है. लिहाजा बेस मेटल्स यानी कॉपर, निकिल, जिंक, लेड और टिन की खपत बढ़ेगी. इंटरनेशनल मार्केट में दाम बढ़ेंगे. ऐसे में भारतीय कंपनियां भी इसका फायदा उठा सकेंगी.
आसिफ बताते हैं कि चीन और भारत की मोनेट्री पॉलिसी लगभग एक जैसी ही है. अक्सर देखा गया है कि चीन के ब्याज दरों में कटौती के बाद भारत भी दरों में कटौती कर देता है. हालांकि, इसकी उम्मीद कम नजर आ रही है. क्योंकि भारत में पेट्रोल-डीज़ल की महंगाई तेजी से बढ़ी है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved