बीजिंग । एक बार फिर ताइवान को लेकर चीन (China) और अमेरिका (America) आमने-सामने आ गए है। दरअसल ताइवान (Taiwan) को लेकर एक बार फिर चीन ने अमेरिका को खबरदार किया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को आगाह किया (Chinese Foreign Ministry warns America) कि अमेरिका ताइवान में दखलअंदाजी बंद करना चाहिए। सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ताइवान कानून 2020 पर हस्ताक्षर करने के बाद चीन का यह बयान सामने आया है।
हाल में चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के संपादक हु शिजिन ने अपने एक लेख में लिखा था कि अगर ताइवान अमेरिका के साथ कूटनीतिक संबंध कायम करता है तो चीन को पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। चीन किसी भी देश के ताइवान के साथ स्वतंत्र संबंध स्थापित करने को लेकर कड़ी आपत्ति जताता रहा है।
चीन ने कहा है कि अगर अमेरिका ताइवान को हथियार बेचने की योजना पर आगे बढ़ता है तो वह उचित और जरूरी जवाब देगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि ताइवान को 60 करोड़ डॉलर मूल्य के सैन्य ड्रोन की बिक्री चीन के आंतरिक मामलों में घोर हस्तक्षेप है और चीन की संप्रभुता व सुरक्षा हितों की गंभीर अनदेखी है।
उधर, गत दिनों अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने चीन को आगाह किया कि वह ताइवान का बलपूर्वक विलय करने की कोशिश बिल्कुल नहीं करे। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ताइवान पर हमला करना बेहद मुश्किल साबित होगा। ब्रायन ने कहा कि ताइवान पर किसी भी संभावित हमले के समय चीन को अमेरिका के कड़े प्रतिरोध का सामना करना होगा।
अमेरिकी अधिकारी से सवाल किया गया कि अगर चीन स्वशासित ताइवान को सैन्य तरीके से अपने में मिलाने का फैसला करता है तो अमेरिका क्या करेगा ? अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इसे लेकर अभी साफ तौर कुछ नहीं कहा जा सकता है। अमेरिका ताइवान को अपनी सुरक्षा करने के लिए हथियार उपलब्ध कराता रहा है। हालांकि, उसने ये कभी स्पष्ट नहीं किया है कि चीन के हमले की स्थिति में वो सैन्य तरीके से दखल देगा या नहीं।
ब्रायन ने ताइवान से मांग की कि वो अपना रक्षा बजट बढ़ाए। उन्होंने कहा कि ताइवान अपने सैन्य सुधार लाने की कोशिश करे ताकि चीन की तरफ से होने वाले किसी हमले को रोका जा सके। ताइवान अपने रक्षा खर्च पर अपनी जीडीपी का सिर्फ 1.2 फीसद ही खर्च करता है। ब्रायन ने कहा कि आप इस तरह से पिछले 70 साल से अपनी सैन्य क्षमता का विस्तार कर रहे चीन से मुकाबला करने की उम्मीद नहीं रख सकते हैं।
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