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    चीन के तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान किया लांच, भारत-जापान और दक्षिण कोरिया की बढ़ी चिंता

  • June 04, 2024

    बीजिंग (Beijing) । चीन (China) ने पिछले महीने अपना तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान (aircraft carrier fujian) लॉन्च किया था। इस लॉन्चिंग ने भारत (India), जापान (Japan) और दक्षिण कोरिया (South Korea) जैसे देशों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। ऐसे में चीनी प्रभाव का मुकाबला करने के लिए ये देश तेजी से अपनी नौसैनिक क्षमताओँ को बढ़ाने के लिए मजबूर हुए हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नया फुजियान एयरक्राफ्ट कैरियर नेक्स्ट जेनरेशन का 80,000 टन का विमानवाहक पोत है जो भारत या जापान द्वारा संचालित सभी युद्धपोतों से बड़ा है। फुजियान विद्युत चुम्बकीय कैटापल्ट से लैस है जो भारी लड़ाकू विमानों को छोटे से रनवे से हवा में लॉन्च कर सकता है।

    2035 तक छह एयरक्राफ्ट कैरियर बनाएगा चीन
    चीन वर्तमान में दो विमानवाहक पोत, लियाओनिंग और शांडोंग का संचालन करता है। चीन का लक्ष्य 2035 के अंत तक छह विमानवाहक पोत रखना है, जिससे वह अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ब्लू-वाटर नौसेना बन जाएगी। अमेरिका के पास वर्तमान में 11 विमानवाहक पोतों का मजबूत बेड़ा है। पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी सी उदय भास्कर ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को बताया कि चीन की मुखरता एशियाई देशों पर अपनी नौसैनिक क्षमताओं का निर्माण करने के लिए दबाव डाल रही है।


    चीन के आक्रामणकारी एजेंडे से भारत सतर्क
    रिपोर्ट के अनुसार, भास्कर ने कहा, “भारत समेत कुछ एशियाई देश चीन को चिंता का स्रोत मानते हैं।” चीन के आक्रमणकारी एजेंडे को लेकर चिंता है और यह तेजी से खतरे में बदल सकता है।” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले महीने घोषणा की थी कि भारत जल्द ही अपने तीसरे विमानवाहक पोत का निर्माण शुरू करेगा। विश्लेषकों का मानना है कि चीन की क्षमताओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए भारतीय नौसेना के लिए यह अतिरिक्त पोत बहुत महत्वपूर्ण है।

    जापान और दक्षिण कोरिया भी बढ़ा रहे ताकत
    नई दिल्ली में सोसाइटी फॉर पॉलिसी स्टडीज के निदेशक और भारत के नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन के मानद फेलो भास्कर ने कहा कि जापान और दक्षिण कोरिया व्यावहारिक और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए बीजिंग के साथ जुड़ने के तरीके तलाश रहे हैं। भास्कर ने कहा, “ये देश अपनी नौसेनाओं को लंबी अवधि के लिए बीमा के रूप में देखते हैं, अगर वे उस रास्ते पर जाने का फैसला करते हैं [युद्ध में शामिल होते हैं]।”

    जापान ने हेलीकॉप्टर कैरियर को किया अपग्रेड
    अप्रैल में, जापान ने अपने पहले विमानवाहक पोत, कागा को अपग्रेड किया था। इसके बाद से कागा जापान का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर बन चुका है। कागा मूल रूप से 2017 में एक हेलीकॉप्टर वाहक के रूप में सेवा में आया था। कागा को अब लॉकहीड मार्टिन F-35B लाइटनिंग II स्टील्थ फाइटर ले जाने के लिए अपग्रेड किया गया है। कागा को 2026-27 में पतवार संशोधनों के दूसरे दौर से गुजरना होगा ताकि फिक्स्ड-विंग युद्धक विमानों के वाहक के रूप में अपनी भूमिका को और अधिक समर्थन मिल सके।

    दूसरे कैरियर को भी अपग्रेड करने का प्लान
    कागा के अलावा उसकी सिस्टर शिप कहे जाने वाले इज़ुमो को भी अपग्रेड किया जाएगा। इजुमो को 2015 में कमीशन किया गया था। इसके अपग्रेडेशन की प्रक्रिया 2027 में पूरी होने की उम्मीद है। दोनों युद्धपोतों को शुरू में हेलीकॉप्टर वाहक के रूप में कमीशन किया गया था, यदि आवश्यक हो तो फिक्स्ड-विंग लड़ाकू विमानों के लिए अपग्रेड किए जाने की क्षमता के साथ। अपग्रेड के बाद, प्रत्येक जहाज 12 लड़ाकू विमानों और 16 हेलीकॉप्टरों को ले जाने में सक्षम होगा।

    दक्षिण कोरिया भी बना रहा एयरक्राफ्ट कैरियर
    दक्षिण कोरिया ने अपनी 2021-2025 की राष्ट्रीय योजना में शॉर्ट टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग क्षमताओं के साथ F-35B जेट संचालित करने के लिए अपना पहला विमानवाहक पोत बनाने की योजना की घोषणा की। हालांकि, इन योजनाओं में देरी हुई है, विमानवाहक परियोजना को 2024-2028 के मध्यावधि रक्षा खाका में शामिल नहीं किया गया था। इसे भविष्य की परियोजना के रूप में उल्लेख किया गया था, जो अगले साल की शुरुआत में अपेक्षित चल रहे शोध परिणामों पर निर्भर है।

    एयरक्राफ्ट कैरियर कितने जरूरी
    सिडनी में न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय में पोस्टडॉक्टरल रिसर्च फेलो अलेक्जेंडर हिंड ने कहा कि कुछ एशियाई देशों में विमानवाहक कार्यक्रमों में उनके निवेश की सीमा के बारे में बहस चल रही है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने हिंड के हवाले से कहा, “जहाज रोधी और विमान रोधी रक्षा प्रणालियों में प्रगति के बावजूद, विमान वाहक अभी भी सैन्य शक्ति और उस शक्ति को प्रदर्शित करने की क्षमता के सबसे बड़े समकालीन प्रतीकों में से एक हैं।”

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