ताइपे। ताइवान जलडमरूमध्य में रविवार सुबह चीन और ताइवान के कई जंगी जहाज आमने-सामने आ गए। इससे कुछ देर के लिए स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई। हालांकि, बाद में दोनों तरफ के जहाज पीछे हट गए। चीनी सेना की पूर्वी थियेटर कमान ने कहा, योजना के मुताबिक एक साथ जमीनी व हवाई हमले के अभ्यास में क्षमता और तालमेल को परखने का काम पूरा हो गया है।
ताइवान के प्रधानमंत्री सुत्सेंग-चांग ने कहा कि देश के आसपास से चीनी सेना नहीं हटी है। इससे हमले की आशंका है। ताइवान विवाद नहीं बढ़ाना चाहता। संयम से अपनी आजादी, लोकतंत्र और संप्रभुता की रक्षा कर रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन के कुल 14 जहाज और 20 विमान देश के आसपास मौजूद हैं।
अमेरिका ने कहा-शांति और स्थिरता के लिए जोखिम बढ़ा रहा चीन
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता नेड प्राइस व अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि ताइवान के आसपास चीन की सैन्य गतिविधियां यथास्थिति को बदलने की उत्तेजक व गैरजिम्मेदार कोशिशें हैं।
अमेरिकी उकसावे का शिकार हुए : चीन
आसियान बैठक से इतर कंबोडिया में अमेरिका, जापान व ऑस्ट्रेलिया की चीन से ताइवान के आसपास उकसावे की हरकतें रोकने की अपील पर चीन ऑस्ट्रेलिया स्थित दूतावास ने कहा कि चीन असल में अमेरिका के राजनीतिक उकसावे का शिकार है।
अमेरिकी दखल से पहले कर लेगा कब्जा
जापानी अखबार निक्केई की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने युद्धाभ्यास से साफ कर दिया है कि जब तक अमेरिका कोई सैन्य प्रतिक्रिया देगा, तब तक वह ताइवान को कब्जे में ले चुका होगा। चार दिन में चीन ने रणनीतिक तौर पर ताइवान की पूर्ण नाकेबंदी कर दी। अमेरिका को आने में सात दिन लगे।
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