ताइपे। चीनी सेना के हमले के मंडराते खतरे के बीच अमेरिका अब ताइवान को अभेद्य ‘किला’ बनाने में जुट गया है। अमेरिका ताइवान को 7 बेहद घातक हथियार दे रहा है जिसमें क्रूज मिसाइल और ड्रोन विमान शामिल हैं। यही नहीं अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने चीन पर अपना दबाव और ज्यादा बढ़ा दिया है। इससे पहले अमेरिका ने यह नीति बनाई थी कि वह ताइवान को ऐसे हथियार नहीं देगा जिससे चीन नाराज हो जाए। हालांकि हॉन्ग कॉन्ग संकट के बाद अब अमेरिका ने अपनी नीति को बदल दिया है।
साल 2020 में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ताइवान को लेकर बेहद आक्रामक रुख अख्तियार कर रहा है और इन हथियारों की बिक्री से चीन के साथ उसके संबंध बेहद निचले स्तर तक पहुंच जाएंगे। वह भी तब जब दोनों ही देश एक-दूसरे पर जासूसी करने, ट्रेड वॉर और कोरोना वायरस को लेकर कई आरोप लगा चुके हैं। ताइवान में इस साल जनवरी में राष्ट्रपति त्साई इंगवेन के दोबारा सत्ता में आने के बाद ताइपे ने हथियारों की खरीद को बढ़ा दिया है।
राष्ट्रपति वेन ने ताइवान की सुरक्षा को और ज्यादा मजबूत करने को शीर्ष प्राथमिकता दिया है। ताइवान चीन का सबसे संवेदनशील क्षेत्रीय मुद्दा है। चीन का कहना है कि यह चीनी प्रांत है और वह ट्रंप प्रशासन के ताइपे के सहयोग करने की निंदा करता है। उधर, दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी को देखते हुए अमेरिका ताइवान को एक किला बनाने में जुट गया है ताकि ड्रैगन को चुनौती दी जा सके।
बता दें कि ताइवान की सेना अत्यंत प्रशिक्षित है और उसे ज्यादातर हथियार अमेरिका से मिले हैं लेकिन चीन हथियारों की तादाद के मामले में ताइवान से बहुत आगे है। चीन खुद ही नए-नए हथियार बना रहा है। ताइवान के ये नए हथियार जल्द ही अमेरिकी कांग्रेस में अधिसूचित कर दिए जाएंगे। चीन के आक्रामक रुख को देखते हुए एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इलाके में कोई संतुलन नहीं है। वहां संतुलन खत्म हो गया है। हम समझते हैं कि यह खतरनाक है।
ताइवान को डर सता रहा है कि अगर ट्रंप हार गए तो बाइडन इतने घातक हथियार शायद ही ताइपे को दें। इसीलिए ताइवान जल्द से जल्द इन हथियारों की आपूर्ति चाहता है। चीन लगातार ताइवान स्ट्रेट के पास युद्धाभ्यास कर रहा है जिससे ताइवान का डर और बढ़ता जा रहा है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ताइवान रक्षा पर काफी खर्च कर रहा है लेकिन उसे आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है।
चीन से टक्कर, ताइवान को क्या-क्या हथियार दे रहा है अमेरिका
अमेरिका ताइवान को हथियारों से लैस ड्रोन दे रहा है जो निगरानी करने में भी माहिर हैं। इसके अलावा चीन समुद्र के रास्ते ताइवान पर हमला न कर सके इसके लिए अमेरिका ताइवान को बारुदी सुरंगें और अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम दे रहा है। अमेरिकी सुरंगे चीनी पनडुब्बियों को बर्बाद करने में सक्षम हैं। इसके अलावा अमेरिका ट्रक पर आधारित रॉकेट लॉन्चर, अत्याधुनिक एंटी टैंक मिसाइल भी ताइवान को दे सकता है। तटीय इलाके की सुरक्षा के लिए अमेरिका ताइवान को हार्पून एंटी शिप मिसाइल दे सकता है। इसके अलावा अमेरिका ताइवान को अत्याधुनिक एफ-16 फाइटर जेट दे रहा है।
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