नई दिल्ली। चीन(China) ने हाल ही में पाकिस्तानी छात्रों (Pakistani students) को पढ़ाई के लिए वापस बुलाने की तैयारी की घोषणा की है. लेकिन भारतीय छात्रों (Indian students) को देश वापस बुलाने को लेकर चीन (China) ने कोई स्पष्टता नहीं दिखाई है. चीन के विदेश मंत्रालय (Chinese foreign ministry) ने भारतीय छात्रों (Indian students) के वापस बुलाए जाने के सवाल पर गोलमोल जवाब दिया है.
खबर है कि चीन (China) पाकिस्तान (Pak) सहित सिंगापुर, मंगोलिया और श्रीलंका के छात्रों के वापसी की तैयारी कर रहा है लेकिन भारत (India) को लेकर स्थिति साफ करने से चीनी विदेश मंत्रालय (Chinese foreign ministry) पीछे हट रहा है.
भारतीय छात्रों को वापस बुलाने को लेकर चीन का जवाब
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन भारतीय छात्रों की वापसी के लिए भी क्या ऐसी योजना पर काम कर रहा है, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, ‘मैं आपको बता सकता हूं कि चीन की सरकार अपनी पढ़ाई के लिए चीन लौटने वाले विदेशी छात्रों के मुद्दे को बहुत महत्व देती है. हम विदेशी छात्रों को उनकी पढ़ाई के लिए चीन लौटने की अनुमति देने के लिए समन्वित तरीके से व्यवस्था करने पर विचार कर रहे हैं.’
झाओ ने कहा, ‘हम महामारी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लोगों के स्वस्थ, सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से चीन में आने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करने के लिए तैयार हैं.’
वहीं, पाकिस्तानी छात्रों को वापस बुलाने को लेकर पाकिस्तान और चीन की तरफ से रविवार को एक संयुक्त बयान जारी किया गया था जिसमें चीन ने कहा था कि वो पाकिस्तानी छात्रों को वापस बुलाने की व्यवस्था करेगा. ये बयान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की चीन यात्रा के दौरान जारी किया गया था. बीजिंग ओलंपिक 2022 में भाग लेने के लिए इमरान खान चीन में थे.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद दोनों देशों ने अपने एक साझा बयान में कहा, ‘पाकिस्तानी पक्ष ने इस बात पर प्रकाश डाला कि चीन शिक्षा के लिए एक लोकप्रिय जगह बन गया है. कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, चीन पाकिस्तानी छात्रों के चीन लौटने और विवेकपूर्ण तरीके से कक्षाएं फिर से शुरू करने की व्यवस्था करेगा.’
चीन में पढ़ने वाले भारत सहित दुनिया भर के अंतर्राष्ट्रीय छात्र दो सालों से अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए चीन वापसी का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने चीन सरकार से बार-बार वापसी की अपील भी की है लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.
बीजिंग में भारतीय दूतावास ने चीन के विदेश और शिक्षा मंत्रालयों के साथ भारतीय छात्रों की समस्या को बार-बार उठाया है, लेकिन चीन सरकार ने छात्रों के वापस बुलाने की मांग को खारिज करती रही है.
चीन-भारत के बीच पूर्वी लद्दाख पर सीमा विवाद को देखते हुए ये स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता कि इसका असर भारतीय छात्रों की चीन वापसी पर नहीं पड़ेगा.
चीन में पढ़ते हैं भारत के हजारों छात्र
23 हजार से अधिक भारतीय छात्र चीन में पढ़ते हैं, जिनमें से अधिकांश ने मेडिकल विश्वविद्यालयों में दाखिला लिया है. कोविड के कारण बड़ी संख्या में भारतीय छात्र अपने अंतिम वर्ष की प्रैक्टिकल पढ़ाई करने से रह गए हैं. मेडिकल के छात्रों को अंतिम वर्ष में अनिवार्य रूप से प्रैक्टिकल की पढ़ाई के लिए अस्पतालों में भेजा जाता है.
चीन के शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, 2018 के अंत तक, 196 देशों और जगहों के कम से कम 4 लाख 92 हजार 185 अंतर्राष्ट्रीय छात्र चीन में पढ़ रहे थे. भारत इस सूची में 23 हजार 198 छात्रों के साथ चौथे स्थान पर था. चीन में सबसे अधिक (50 हजार) दक्षिण कोरिया के छात्र पढ़ने के लिए आते हैं. इसके बाद थाईलैंड और पाकिस्तान का स्थान आता है जहां के 28 हजार से अधिक छात्र चीन में पढ़ते हैं.
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