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चीन ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर साजिश की थ्योरी को नकारा

December 10, 2021


नई दिल्ली। चीन (China) की सरकारी मीडिया ने सीडीएस हेलीकॉप्टर दुर्घटना (CDS chopper crash) को लेकर ‘साजिश की थ्योरी’ (Conspiracy theory) को नकारा (Slams) है, जिसमें भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और 12 अन्य की मौत हो गई थी।


चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक रिपोर्ट में कहा, “भारत के सर्वोच्च रैंक वाले सैन्य अधिकारी जनरल बिपिन रावत के साथ एक हेलीकॉप्टर का दुर्घटनाग्रस्त होना दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन भारत में एक तथाकथित विद्वान ब्रह्मा चेलानी ने घृणित रूप से, चीन-भारत संबंधों में नए तनाव पैदा करने का प्रयास करते हुए इस दुर्भाग्य का फायदा उठाया।”
दरअसल दिल्ली के एक लेखक एवं टिप्पणीकार और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी ने ट्विटर पर ताइवान में हुए हेलीकॉप्टर हादसे का जिक्र करते हुए सीडीएस बिपिन रावत की दुर्घटना की तुलना की है। साल 2020 की शुरूआत में ही ताइवान के हेलीकॉप्टर हादसे में वहां के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की मौत हो गई थी। ब्रह्मा चेलानी की इस तुलना के बाद चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने जहर उगला है।

ब्रह्मा चेलानी ने अपने ट्वीट में कहा है, “जब 20 महीने से भारत-चीन की सीमा पर युद्ध जैसे हालात हैं, ऐसे समय में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 सैन्यकर्मियों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत होना बेहद दुखद है। यह बेहद खराब समय पर हुआ है।”
चेलानी ने अपने ट्वीट में आगे कहा, “जनरल बिपिन रावत और ताइवान के पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ शी यी मिंग की मौत में बहुत हद तक समानता है। 2020 की शुरूआत में ही ताइवान के तत्कालीन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ शी यी मिंग और दो जनरल समेत सात सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी। हर हेलीकॉप्टर दुर्घटना ने चीन के खिलाफ आक्रामकता दिखाने वाले को खत्म कर दिया।”
ब्रह्मा चेलानी ने दूसरे ट्वीट में इस बात का भी जिक्र किया है कि इन दोनों हेलीकॉप्टर हादसों की समानता का अर्थ यह नहीं है कि इन दोनों हादसों में कोई कनेक्शन है या इसके पीछे किसी बाहरी ताकत का हाथ है। उन्होंने कहा, “हर दुर्घटना ने देश के भीतर महत्वपूर्ण सवाल खड़े किए हैं। खासकर सेना के जनरलों को ले जाने वाले सैन्य हेलीकॉप्टरों के रखरखाव को लेकर सवाल उठाए गए हैं।”

चेलानी की थ्योरी को दरकिनार करने के साथ ही ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि रावत चीनी विमान पर नहीं थे। हेलीकॉप्टर चीन-भारत सीमा के पास कहीं भी दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ, बल्कि दक्षिणी भारत में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। इसमें आगे कहा गया है कि दुर्घटना ने न केवल भारत में बल्कि दुनिया में भी सदमे की लहर पैदा की है, क्योंकि ऐसी गंभीर दुर्घटना देखना दुर्लभ है, जिसमें एक शीर्ष सैन्य अधिकारी की जान चली गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यवेक्षक विश्लेषण कर रहे हैं कि क्या आखिर कहां गलती हुई है। कुछ लोग कहते हैं कि यह एक मैकेनिकल (यांत्रिक) विफलता हो सकती है; वहीं दूसरों का कहना है कि यह मानवीय भूल थी या फिर मौसम से संबंधित दुर्घटना है।
हालांकि, चीन के सरकारी मीडिया ने जनरल रावत की मौत के इस दुर्भाग्यपूर्ण समय के दौरान भी भारत की सेना पर टिप्पणी करने का मौका नहीं गंवाया। ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय सैन्य कौशल पर हमला करते हुए कहा, “भारत के सैन्य उपकरणों की क्षमता उतनी प्रभावशाली नहीं है, जितना कि देश शेखी बघारता रहा है।”

रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “भारत के रक्षा निर्माण क्षेत्र में बहुत सीमित क्षमता है। यह हथियारों के कंपोनेंट्स और कुछ हथियारों को घर पर बना सकता है, लेकिन इसके अधिकांश सैन्य उपकरण भारत में आयात और असेंबल किए जाते हैं। इसके स्थानीय रूप से उत्पादित हथियार ज्यादातर अन्य देशों के हथियारों पर आधारित होते हैं। ऐसे में जब हथियार वास्तविक उपयोग में आते हैं तो अक्सर छिपे हुए खतरे होते हैं।”
चीन की सरकारी मीडिया ने जहर उगलते हुए कहा, “चेलानी और अन्य कट्टरपंथी भारतीयों को याद दिलाया जाना चाहिए कि यह भारत का अपना सैन्य हेलीकॉप्टर था, जो अपने रक्षा प्रमुख की रक्षा करने में विफल रहा। इस तरह की दुर्घटना की संभावना बहुत कम है, फिर भी यह भारत में हुई। यानी भारत का सबसे बड़ा दुश्मन चीन नहीं बल्कि उसका अपना पिछड़ापन है।”
चीनी सैन्य विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग ने ग्लोबल टाइम्स से कहा, “कुछ सैन्य उपकरण काफी पुराने और अप्रचलित हैं, लेकिन अभी भी सेवा में हैं। ये दिखाते हैं कि भारत की समग्र सैन्य क्षमता चिंताजनक है।”

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