वाशिंगटन। चांद की सतह पर इंसानी जिंदगी ढूंढने के लिए दुनिया के तमाम देशों के बीच दौड़ जारी है। हालांकि, अमेरिका और चीन इस दौड़ में सबसे आगे हैं। सही मायनों में देखा जाए तो चीन, अमेरिका से भी आगे निकलता दिख रहा है, जिसकी नासा को चिंता सता रही है। नासा को डर है कि कहीं चीन चंद्रमा पर अपना कब्जा न जमा ले और वहां मौजूद संसाधनों पर अपना दावा ठोककर अन्य देशों की लैंडिंग तक को रोक दे।
नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने इसको लेकर चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका और चीन के साथ एक अंतरिक्ष दौड़ में शामिल हैं और देश को देखने की जरूरत है कि उसका प्रतिद्वंद्वी चांद पर पैर जमाने की कोशिश न करे। नेल्सन ने कहा कि चीन अंततः चंद्रमा के संसाधनों व समृद्ध क्षेत्रों पर स्वामित्व का दावा कर सकता है।
अगले दो साल तय करेंगे कौन कहां?
नासा प्रमुख नेल्सन ने कहा, अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है और अगले दो साल यह निर्धारित कर सकते हैं कि कौन सा देश इस दिशा में लाभ प्राप्त करता है। उन्होंने कहा, यह एक तथ्य है कि हम एक अंतरिक्ष दौड़ में हैं और यह सच है कि हमें बेहतर ढंग से देखने की जरूरत है कि चीन वैज्ञानिक अनुसंधान की आड़ में चंद्रमा पर कब्जा न जमा ले। और इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि चीन कह दे कि यह हमारा क्षेत्र है, यहां से बाहर रहो।
चीन ने स्प्रैटली द्वीपों के साथ क्या किया?
नेल्सन ने दक्षिण चीन सागर में चीनी आक्रामकता का हवाला देते हुए कहा कि अगर किसी को संदेह है कि चीन ऐसा नहीं करेगा, तो इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि उसने स्प्रैटली द्वापों के साथ क्या किया? उन्होंने कहा, बीजिंग ने अपनी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा के तहत वहां सैन्य ठिकाने स्थापित किए हैं।
चीन ने खारिज किया दावा
वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा कि अमेरिका के दावे झूठे हैं। उन्होंने कहा, कुछ चीनी अधिकारियों ने चीन के सामान्य और वैध अंतरिक्ष प्रयासों को गलत तरीके से पेश किया है। यह गैर-जिम्मेदाराना है। चीन हमेशा बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग की वकालत करता है, बाहरी अंतरिक्ष में शस्त्रीकरण और हथियारों की दौड़ का विरोध करता है। उन्होंने कहा, चीन अंतरिक्ष क्षेत्र में मानव जाति के लिए एक साझा भविष्य की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
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