बीजिंग। चीन (China) और रूस (Russia) एक-दूसरे के काफी करीब आते जा रहे हैं, और आज इस दिशा में दोनों एक नया कदम बढ़ाने वाले हैं। चीन और रूस आज (बुधवार) अपनी सबसे बड़ी परमाणु ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखेंगे। जिसके तहत रूस दो चीनी शहरों में चार परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण करेगा। निश्चित तौर पर चीन-रूस की गहरी होती यह दोस्ती अमेरिका (America) के लिए चिंता का विषय है। क्योंकि वो इन दोनों देशों को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है।
Video लिंक के माध्यम से होंगे शामिल
चीन (China) के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao Lijian) ने बताया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ द्विपक्षीय परमाणु ऊर्जा सहयोग परियोजना (Nuclear Power Project) की आधारशिला रखने के लिए बुधवार को आयोजित समारोह को वीडियो लिंक के माध्यम से देखेंगे।
2018 में हुआ था समझौता
रूस और चीन ने 2018 में परमाणु ऊर्जा सहयोग पर समझौता किया था, जिसके तहत दोनों तियानवान परमाणु ऊर्जा संयंत्र की यूनिट 7 एवं 8 और शुदापु परमाणु ऊर्जा संयंत्र की यूनिट 3 और 4 का निर्माण मिलकर करने पर सहमत हुए थे। तियानवान न्यूक्लियर पावर प्लांट जियांगसू प्रांत के लियानयुनगाग में स्थित है। झाओ ने कहा कि चीन -रूस के बीच यह अब तक की सबसे बड़ी परमाणु ऊर्जा सहयोग परियोजना है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत उच्च क्वालिटी के उत्पाद बनाने में मदद मिलेगी।
आपसी सहयोग भी बढ़ेगा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इस परियोजना के माध्यम से दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि इन चारों इकाइयों का निर्माण होने के बाद कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में भी कमी आएगी। गौरतलब है कि अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच रूस और चीन लगातार करीब आ रहे हैं। दोनों देशों का अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ कई मुद्दों पर विवाद है।
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