तिब्बत (Tibet) के रहने वालों का कहना है कि तिब्बत की सबसे बड़ी और प्रसिद्ध तक्तसेंग लामो कीर्ति मॉनेस्ट्री (Tibet Taktseng Lamo Kirti Monastery) के प्रमुख मोंक कीर्ति रिनपोचे (Birthday of Monk Kirti Rinpoche)के जन्मदिन पर दी जाने वाली शुभकामनाओं पर अंकुश (China Restrictions) लगाने के लिए ऐसा आदेश चीन प्रशासन (China Administration) की ओर से दिया गया है। दरअसल, चीन (China) ने एक प्रमुख तिब्बती बौद्ध आध्यात्मिक नेता (Tibetan Buddhist Spiritual Leader) के जन्मदिन से पहले प्रतिबंधों को बढ़ा दिया है। साथ ही दो तिब्बती क्षेत्रों (Tibetan Regions) के स्थानीय नेताओं से कहा है कि वे आह्वन करें कि लोग उनकी तस्वीर या शुभकामनाएं ऑनलाइन पोस्ट (Online Poste) न करें।
इस बारे में आरएफए ने बताया कि अधिकारियों ने नगाबा और द्जोगे क्षेत्रों में तिब्बतियों को गिरफ्तार करने की धमकी दी है, जो 11वें क्याबजे कीर्ति रिनपोछे (सम्मानित) लोबसंग तेनजि़न जिग्मे येशे ग्यामत्सो रिनपोछे के 80 वें जन्मदिन पर 8 अगस्त यानी आज संदेश पोस्ट करके आदेश की अवहेलना करते हुई कोई पाया जाता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रिनपोछे तिब्बत के सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली मठों में से एक, कीर्ति मठ के निर्वासन में मुख्य मठाधीश हैं। तिब्बत के अंदर एक तिब्बती सूत्र ने कहा, सरकार ने तिब्बतियों द्वारा इस तरह की गतिविधि के बारे में चेतावनी दी है, और अगर लोग इसका उल्लंघन करते पाए गए तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और कड़ी सजा दी जाएगी।
बतादें कि चीनी अधिकारियों ने 2021 में रिनपोछे का जन्मदिन मनाने से, सिचुआन प्रांत के नगाबा तिब्बती स्वायत्त प्रान्त में, डोजोगे काउंटी में ताकत्संग ल्हामो कीर्ति मठ और नगाबा काउंटी में कीर्ति मठ के भिक्षुओं को प्रतिबंधित कर दिया। आरएफए ने बताया कि भिक्षुओं को अपने मठों को छोड़ने की अनुमति नहीं है, और उस दौरान सभाओं की अनुमति नहीं थी। निर्वासन में रहने वाले एक तिब्बती ने कहा, पिछले साल तिब्बत के अंदर तिब्बतियों ने कृति रिनपोछे के 80 वें जन्मदिन को मनाने पर चीनी सरकार से प्रतिबंध और जांच की उम्मीद की थी, इसलिए वे पीछे हट गए।
सूत्र ने आध्यात्मिक शिक्षकों को दी गई लंबी उम्र की प्रार्थना का जिक्र करते हुए कहा, लेकिन इस साल, निर्वासन में और तिब्बत के अंदर रहने वाले तिब्बती रिनपोछे के जन्मदिन को मनाने और तेनशुग की पेशकश करने के लिए उत्सुक हैं। आरएफए ने बताया कि कीर्ति मठ तिब्बत में चीन की दमनकारी नीतियों का विरोध करने वाले भिक्षुओं द्वारा आत्मदाह करने का अधिकांश स्थान रहा है।
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