नई दिल्ली. चीन (China) में जनसांख्यिकीय (Demographic) संकट गहराता जा रहा है. जन्म दर (birth rate) में भारी गिरावट के चलते चीन के हजारों फेमस किंडरगार्टन (kindergartens) बंद कर दिए गए हैं. वहीं, बुजुर्गों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा देखने को मिला है. जिसके चलते किंडरगार्टन की जगह वृद्धाश्रम (old age homes) खोले जा रहे हैं. एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में किंडरगार्टनों की संख्या 274,400 से घटकर 14,808 रह गई है. यह लगातार दूसरा साल है जब चीन में घटती जन्म दर के आंकड़े सामने आए हैं.
किंडरगार्टन की संख्या भी लगातार घट रही
किंडरगार्टन में जाने वाले बच्चों की संख्या भी तीसरे साल लगातार घट रही है. पिछले साल इसमें करीब 12 फीसदी की गिरावट देखी गई जब 40.9 मिलियन का आंकड़ा घटकर महज 5.35 मिलियन रह गया.
प्राइमरी स्कूल भी घट रहे
प्राथमिक विद्यालयों की संख्या भी 143,500 से घटकर 5,645 रह गए हैं, यानी की इसमें भी 3.8 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है. यह गिरावट चीन में एक व्यापक जनसांख्यिकीय बदलाव को दर्शाती है, जहां जन्म दर और कुल जनसंख्या दोनों लगातार कम हो रहे हैं, जो भविष्य की आर्थिक वृद्धि के लिए गंभीर खतरा है.
तेजी से गिर रही चीन की जनसंख्या
पिछले साल चीन की जनसंख्या लगातार दूसरे साल घटकर 1.4 अरब रह गई, यानी 20 लाख से ज्यादा की गिरावट. 2023 में चीन में सिर्फ 90 लाख बच्चों का जन्म हुआ जो 1949 में रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से सबसे कम आंकड़ा है. जन्म दर में गिरावट के परिणामस्वरूप, चीन ने पिछले वर्ष सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश का अपना दर्जा खो दिया है. अब भारत दुनिया की सबसे आबादी वाला देश है.
बुजुर्गों की संख्या में इजाफा
चीन को एक दोहरी संकट का सामना करना पड़ रहा है. एक ओर जहां जन्म दर और प्रजनन दर में गिरावट आई है, वहीं दूसरी ओर बुजुर्ग जनसंख्या में तेज वृद्धि हो रही है. 2023 के अंत तक, 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के चीनी नागरिकों की संख्या 300 मिलियन के करीब पहुंच गई. अनुमान है कि यह 2035 तक 400 मिलियन और 2050 तक 500 मिलियन को पार कर जाएगी.
कई किंडरगार्टन को वरिष्ठ नागरिकों के लिए देखभाल केंद्रों में परिवर्तित किया गया है और कई कर्मचारियों ने बुजुर्गों की देखभाल के लिए नौकरी बदल ली है, जैसा कि पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है.
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